बिहार में पटना के अल्पावास गृह में भी महिलाओं के साथ हैवानियत की बात सामने आई है। इसके बाद सोमवार को पाटलिपुत्रा इलाके में अल्पावास गृह का संचालन करने वाले एनजीओ आईकार्ड के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
समाज कल्याण विभाग के जिला परियोजना प्रबंधक भारती प्रियंवदा ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। इस अल्पावास गृह का संचालन एनजीओ 2014 से कर रहा था। एनजीओ कर्मियों पर वहां रहने वाली महिलाओं के साथ गाली-गलौज, दुर्व्यवहार, अमर्यादित भाषा का प्रयोग और मारपीट करने का आरोप है। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) की रिपोर्ट में भी इस तरह के आरोप लगाए गए थे।
परियोजना प्रबंधक की ओर से दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि अल्पावास गृह की व्यवस्था सही नहीं थी। यहां पर रहने वाली महिलाओं के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता था। घर के अंदर का माहौल महिलाओं के रहने लायक नहीं थी। यहां पर रहने-खाने से लेकर दवा वितरण की व्यवस्था भी सही नहीं थी। महिलाओं को प्रताड़ित किए जाने का भी आरोप लगा है।
पाटलिपुत्रा थानाध्यक्ष ने बताया कि एनजीओ के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 409, 354, 120 बी, 504, 509 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर दी गई है। पुलिस हर पहलू पर जांच कर कार्रवाई करेगी।
अल्पावास गृह में 50 लड़कियों को रखने की क्षमता थी। टिस की रिपोर्ट में गड़बड़ी उजागर होने के बाद पटना में चल रहे इस अल्पावास गृह को पिछले महीने ही बंद कर दिया गया था। यहां रहने वाली लड़कियों और महिलाओं को रक्षा गृह में शिफ्ट कर दिया गया है।
पिछले साल यहां एक गर्भवती महिला की मौत हुई थी। इस मामले में भी एफआईआर हुई थी। इसके अलावा राजापुर की रहने वाली महिला की भी मौत हुई थी, जिसे पीएमसीएच में मृत घोषित किया गया था।
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