क्या ईरान के ख़िलाफ़ सैन्य कार्रवाई करेगा सऊदी अरब?

 26 Sep 2019 ( आई बी टी एन न्यूज़ ब्यूरो )
POSTER

दो तेल ठिकानों पर हुए हमलों के बाद सऊदी अरब के विदेश मामलों के राज्य मंत्री ने कहा है कि सैन्य कार्रवाई सहित सभी विकल्प खुले हैं।  सऊदी अरब ने ईरान को हमलों के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है।

आदिल अल-जुबेर ने बीबीसी से बताया कि सऊदी अरब युद्ध से बचना चाह रहा है लेकिन इन ड्रोन और मिसाइल हमलों के लिए ईरान को ज़िम्मेदार ठहराया जाएगा।

अमरीका का मानना है कि सऊदी अरब के प्रमुख तेल ठिकानों पर हमले के पीछे ईरान का हाथ है। इस हफ़्ते ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने भी अमरीका के इस दावे का समर्थन किया है।

लेकिन ईरान ने इस मामले में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है।

यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोही, जो देश के सिविल वॉर में सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन से लड़ रहे हैं, ने कहा था कि उसने ही ठिकानों पर ड्रोन हमले किए थे।

लेकिन सऊदी अधिकारियों का कहना है कि हमलों की सीमा, पैमाने और जटिलता को देखकर ऐसा लगता है कि यह हूती विद्रोहियों की क्षमता से बहुत ज्यादा थी।  

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में बीबीसी के मुख्य अंतरराष्ट्रीय संवाददाता लीस ड्यूसेट से बात करते हुए जुबेर ने कहा, "हर कोई युद्ध से बचने की कोशिश कर रहा है और हर कोई स्थिति को और ख़राब होने से रोकने की कोशिश कर रहा है। इसलिए हमारे पास उपलब्ध सभी विकल्पों पर हम गौर करेंगे। हम सही समय आने पर निर्णय लेंगे।''

उन्होंने कहा, "ईरान के साथ तुष्टिकरण पहले भी काम नहीं आया है और भविष्य में भी ईरान के साथ तुष्टिकरण काम नहीं आने वाला है।''

अमरीका ने 2015 के परमाणु समझौते को छोड़ने के बाद पिछले साल ईरान के ख़िलाफ़ आर्थिक प्रतिबंधों को फिर से लागू किया था। साथ ही मई में यह भी कहा था कि वह सभी देशों को ईरानी तेल ख़रीदने से रोकने और ईरान पर नए परमाणु समझौते के लिए दबाव बनाने का प्रयास करेगा।

बुधवार को अमरीका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने संयुक्त राष्ट्र में संवाददाताओं से कहा कि अमरीका ईरान के साथ एक शांतिपूर्ण समाधान चाहता था।

उन्होंने आगे कहा, "लेकिन आख़िर में ये ईरानियों पर निर्भर करता है कि वो शांति चाहते हैं या फिर हिंसा और नफ़रत को चुनते हैं।''

फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुअल मैक्रों ने ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी और अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच एक ऐतिहासिक मुलाक़ात कराने की कोशिश की थी।

लेकिन रूहानी ने संयुक्त राष्ट्र में प्रतिनिधियों को बताया कि उन्होंने ट्रंप से मिलने से इनकार कर दिया क्योंकि ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध अब भी लागू हैं।

उन्होंने अमरीका की नियत पर संदेह जताते हुए विदेश मंत्री पॉम्पियो के उस बयान का ज़िक्र किया जिसमें पॉम्पियो ने ईरान पर इतिहास का सबसे कड़ा प्रतिबंध लगाए जाने का दावा किया था।

उन्होंने कहा, "जब किसी राष्ट्र की ख़ामोशी से हत्या की जा रही हो, आठ करोड़ तीस लाख ईरानियों ख़ास कर ईरानी महिलाए और बच्चे इस तरह के दबाव में जी रहे हों और अमरीकी अधिकारी उन सबका स्वागत करते हों तो फिर उनपर कोई कैसे विश्वास कर सकता है?''

रूहानी ने आगे कहा, "ईरान इन अपराधों और इन अपराधियों को न कभी भूलेगा और न माफ़ करेगा।''

उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप के साथ तस्वीर खिंचवाने के विचार को भी ख़ारिज कर दिया है। ट्रंप ने उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन के साथ कई अवसरों पर तस्वीरें खिंचवाई हैं जिसमें से कोरियाई प्रायद्वीप के डीमिलिटराइज़ड ज़ोन में एक हाथ मिलाने की तस्वीर भी शामिल है।

रूहानी ने कहा, "यादगार तस्वीरें बातचीत का अंतिम चरण होती हैं, पहला नहीं।''

 

(आईबीटीएन के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)

इस खबर को शेयर करें

शेयरिंग के बारे में

विज्ञापन

https://www.ibtnkhabar.com/

 

https://www.ibtnkhabar.com/

अल जज़ीरा टीवी लाइव | अल जज़ीरा इंग्लिश टीवी देखें: लाइव समाचार और समसामयिक मामले


https://www.ibtnkhabar.com/

https://www.ibtnkhabar.com/

https://www.ibtnkhabar.com/

https://www.ibtnkhabar.com/

https://www.ibtnkhabar.com/

Copyright © 2025 IBTN Al News All rights reserved. Powered by IBTN Media Network & IBTN Technology. The IBTN is not responsible for the content of external sites. Read about our approach to external linking