पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की अपील पर भारत के कश्मीर के लोगों के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए पाकिस्तान ने शुक्रवार 30 अगस्त को दोपहर 12 से 12.30 बजे तक कश्मीर ऑवर मनाया।
शिक्षण संस्थानों, सरकारी और निजी दफ़्तरें, बैंक, व्यापारी, वकील और सैन्य अधिकारियों ने इसमें भाग लिया। दोपहर में इस दौरान सभी ट्रैफिक सिग्नलों पर रेड सिग्नल रखा गया।
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री ऑफ़िस के बाहर बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए लोगों को इमरान ख़ान ने संबोधित किया।
इस दौरान प्रधानमंत्री की सूचना एवं प्रसारण मामलों की सलाहकार फिरदौस आशिक़ अवान और पीएम के विशेष सहायक नइमुल हक़ भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने अपने भाषण की शुरुआत कश्मीर के लोगों के साथ एकजुटता दर्शाते हुए की। उन्होंने कहा, "आज हर पाकिस्तानी, चाहे वो कहीं भी हों, चाहे वो हमारे स्कूल या कॉलेज के स्टूडेंट्स हों या दुकानदार या मजदूर, सरकारी मुलाज़िम, हम सभी अपने कश्मीरियों के साथ खड़े हैं।''
उन्होंने कहा, "हमारे कश्मीरी बहुत मुश्किल वक्त से गुज़र हैं। तकरीबन 80 लाख कश्मीरी, तकरीबन चार हफ़्ते से कर्फ़्यू में बंद हैं। आज का मक़सद, अपने कश्मीरियों को यह बताना है कि हम सब उनके साथ खड़े हैं, उनके दुख दर्द में पूरी तरह शामिल हैं।''
"आज पाकिस्तान से यह पैगाम जाएगा कि जब तक हमारे कश्मीरियों को आज़ादी नहीं मिलती पाकिस्तानी कौम उनके साथ खड़ी है, आख़िरी दम तक हम उनके साथ खड़े रहेंगे।''
इमरान ने कहा, "हम सब को यह समझना ज़रूरी है कि आज हिंदुस्तान में किस तरह की हुकूमत है। इसको समझने के लिए हमें आरएसएस की विचारधारा समझनी होगी।''
उन्होंने कहा, "1925 में बने राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की विचारधारा में मुसलमानों के प्रति नफ़रत भरी है। वो समझती है कि हिंदू सर्वश्रेष्ठ हैं। हिटलर की नाज़ी पार्टी से मुतासिर (प्रभावित) हो कर ये पार्टी बनी थी।''
इमरान ने कहा कि जिस तरह हिटलर की नाज़ी पार्टी यह समझती थी कि जर्मनी में जर्मन को छोड़ कर बाक़ी सभी लोगों का या तो क़त्ल कर दें या बाहर निकाल दें।
उन्होंने कहा, "इनका घोषणापत्र था कि मुसलमानों को या तो हिंदुस्तान से निकाल देना चाहिए या वो दूसरे दर्जे के नागरिक बन कर रहेंगे, बराबर का हक़ उन्हें नहीं मिलना चाहिए। वो नज़र आ रही है आज, जो ये मकबूज़ा कश्मीर पर ये जुल्म कर रहे हैं।''
प्रधानमंत्री इमरान ने कहा, "आज भारत में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का नज़रिया कब्ज़ा कर बैठा है। ठीक उसी तरह जिस तरह नाज़ी पार्टी ने जर्मनी पर कब्जा किया था।''
"आज सारी दुनिया देख रही है कि कश्मीर में क्या हो रहा है। अगर हमारे कश्मीरी मुसलमान न होते तो पूरी दुनिया में आवाज़ उठती, पूरी दुनिया उनके साथ खड़ी होती, लेकिन मुझे बहुत अफ़सोस के साथ यह कहना पड़ता है कि जब मुसलमानों पर जुल्म होता है तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय, जैसे कि संयुक्त राष्ट्र खामोश रहता है।''
"आरएसएस का नज़रिया केवल मुसलमानों के लिए बुरा नहीं है बल्कि ये ईसाइयों के लिए भी बुरा है, उन पर हिंदुस्तान में आज जुल्म हो रहे हैं।''
इमरान ने कहा, "नेहरू और गांधी की जो धर्म निरपेक्षता थी, वो कहती थी कि हिंदुस्तान की बुनियाद धर्म निरपेक्षता है। वे सभी धर्म को बराबर मानते थे।''
"आरएसएस की विचारधारा में नेहरू और गांधी की कोई जगह नहीं है। ये न अंतरराष्ट्रीय क़ानून को मानते हैं, न सुप्रीम कोर्ट, न हाई कोर्ट को मानते हैं, वे सिर्फ़ हिंदुवाद को मानते हैं।''
इमरान ख़ान ने कहा कि वे जितने भी नेताओं से मिले हैं चाहे वो संयुक्त राष्ट्र संघ हो, यूरोप हो, जर्मनी या फ़्रांस या ट्रंप या अपने मुसलमान नेता। सभी को मैंने बताया है कि अगर आज अंतरराष्ट्रीय समुदाय नरेंद्र मोदी की फासीवाद सरकार के ख़िलाफ़ नहीं खड़ा होता तो पूरी दुनिया पर इसका असर दिखेगा।
इमरान ने कहा, "जब तक कश्मीर आज़ाद नहीं होता मैं हर फोरम पर कश्मीर की जंग लड़ूंगा।''
इसी दौरान इमरान ने कहा, "मैं नरेंद्र मोदी को साफ़ बताना चाहता हूं कि, अगर भारत आज़ाद कश्मीर (पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर) में कोई कार्रवाई करता है तो हम ईंट का जवाब पत्थर से देंगे। आपने कश्मीर में कुछ भी किया तो हमारी फौज तैयार है। लेकिन जब दो ऐसे मुल्क जिनके पास परमाणु हथियार हों अगर वो लड़ते हैं तो उसके केवल उन दोनों को नुकसान नहीं होता बल्कि पूरी दुनिया को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। मैं यह दुनिया के सभी बड़े नेताओं को बता रहा हूं।''
"कश्मीर से कर्फ़्यू हटाने के लिए हम पूरी दुनिया में आंदोलन चलाएंगे।''
"श्रीनगर में न मीडिया को जाने देते हैं, न विपक्ष के नेताओं को जाने दिया। इससे यह पता चलना चाहिए कि वहां किस तरह का जुल्म हो रहा है।''
अपने भाषण के अंत में इमरान ख़ान ने कहा कि, "नरेंद्र मोदी ने अपने तकब्बुर (अभिमान) में जो कश्मीर में कर बैठे हैं, जो आखिरी पत्ता उन्होंने खेला है, इसके बाद कश्मीर आज़ाद होगा।''
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