ब्रिटेन के गृह मंत्री एंबर रुड का कहना है कि चरमपंथी के लिए छिपने की कोई भी जगह नहीं हो सकती है और ख़ुफ़िया एजेंसियों को व्हाट्सऐप के एनक्रिप्टेड मैसेज पढ़ने की अनुमति होनी चाहिए।
ख़ालिद मसूद नाम के शख़्स ने इसी हफ्ते लंदन के वेस्टमिंस्टर में एक हमले में तीन लोगों की जान ले ली थी। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में वो मारा गया था।
हमले से दो मिनट पहले तक उनका फ़ोन व्हाट्सएप से कनेक्टेड था।
ब्रिटेन के गृह मंत्री का कहना है कि वो जल्द ही इस सेवाएं देने वाली कंपनियों से मुलाक़ात करेंगी और उनसे साथ मिलकर काम करने के लिए कहेंगी।
वहीं लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन का कहना है कि जाँच एजेंसियों के पास पहले से ही बहुत-सी शक्तियां हैं।
उन्होंने कहा कि 'जानने के अधिकार' और लोगों की 'निजता के अधिकार' के बीच संतुलन होना चाहिए।
बीबीसी वन के एंड्रयू मार शो पर बात करते हुए ब्रिटेन के गृह मंत्री एंबर रुड ने कहा, ''ये पूरी तरह अस्वीकार्य है। आतंकवादियों के छिपने के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।''
उन्होंने कहा, ''हमें सुनिश्चित करना है कि व्हाट्सऐप और ऐसी अन्य कंपनियां आतंकवादियों को गुप्त तरीके से बात करने की कोई जगह न दे पाएं।''
रड ने कहा, ''हमें इस स्थिति में ये सुनिश्चित करना है कि ख़ुफ़िया एजेंसियों के पास व्हाट्सऐप के एनक्रिप्टेड संदेश पढ़ने की क्षमता हो।''
व्हाट्सऐप पर भेजे जाने वाले सभी संदेश दोनों ओर से एनक्रिप्टेड होते हैं। यानी इन संदेशों को भेजने वालों के अलावा और कोई नहीं पढ़ सकता है।
इसका मतलब ये है कि ख़ुफ़िया एजेंसियां और ख़ुद व्हाट्सऐप भी इस एप्लीकेशन के ज़रिए भेजे जाने वाले संदेशों को नहीं पढ़ सकती है।
इस बारे में व्हाट्सऐप का कहना है कि लोगों की निजता की सुरक्षा करना उसका आधार मूल्य है।
एपल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम कुक भी कह चुके हैं कि सरकार का हमें अपने उत्पादों की जांच के लिए पिछला रास्ता खुला छोड़ने के लिए मजबूर करना ग़लत है।
एपल के उत्पाद भी पूरी तरह एनक्रिप्टेड होते हैं। यानी एपल के फ़ोन में रखी गई जानकारी को फ़ोन मालिक के अलावा और कोई नहीं पढ़ सकता है।
रड का कहना है, ''मैं टिम कुक से कहूंगी कि वो दोबारा सोचें कि किन तरीकों से एपल के फ़ोन पर व्हाट्सएप होने की स्थिति में वो हमारी मदद कर सकते हैं।''
यूरोपोल के निदेशक रॉब वैनराइट भी रड की मांगों का समर्थन करते हैं।
उन्होंने कहा, ''मैं इस बात से सहमत हूं कि हमारे संदेशों को पढ़ने की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कुछ न कुछ किया जाना चाहिए।''
52 वर्षीय ख़ालिद मसूद ने लंदन में लोगों पर कार चढ़ा दी थी। इस हमले में 52 लोग घायल हुए थे और तीन की मौत हो गई थी।
शनिवार को मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कहा था कि मसूद ने ये हमला अकेले ही अंजाम दिया।
स्कॉटलैंड यार्ड ने कहा था कि ऐसा भी मुमकिन है कि कभी ये पता ही न चल पाए कि हमले के पीछे उसका मक़सद क्या था ?
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