भारत में आयोजित जी-20 सम्मेलन में साझा बयान पर जब सदस्य देशों के बीच सहमति बनी तो इसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा गया।
जी-20 सम्मेलन के पहले ही दिन शनिवार, 9 सितम्बर 2023 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साझा बयान पर सभी देशों के बीच सहमति बनने का ऐलान किया था और इस कामयाबी के लिए सभी का शुक्रिया अदा किया था।
ये ऐलान सम्मेलन शुरू होने से पहले लगाए जा रहे कयासों से बिलकुल विपरीत था।
माना जा रहा था कि यूक्रेन-रूस जंग के बीच साझा बयान में सहमति बनने की संभावनाएं कम की हैं। मगर जब साझा बयान पर सभी देश सहमत हुए तो इस पर यूक्रेन के साथ-साथ रूस की भी प्रतिक्रिया आई।
रूस के शेरपा स्वेतलाना लुकाश ने कहा, ''साझा बयान संतुलित था और यूक्रेन के मुद्दे पर बातचीत काफी कठिन रही।''
लुकाश ने कहा, ''इस साझा बयान पर सहमत होने में सम्मेलन शुरू होने से पहले 20 दिन और मौक़े पर पांच दिन लगे।''
इस सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शामिल नहीं होने का फ़ैसला किया था। इस सम्मेलन में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शिरकत की थी।
नई दिल्ली में शनिवार, 9 सितम्बर 2023 को सर्वसम्मति से जारी जी-20 के नई दिल्ली घोषणा-पत्र में यूक्रेन में चल रहे युद्ध का ज़िक्र तो किया गया लेकिन रूस की आलोचना नहीं की गई।
इस घोषणा-पत्र में सात पैराग्राफ़ यूक्रेन युद्ध पर हैं लेकिन इनमें एक जगह भी रूस का ज़िक्र नहीं है।
यूक्रेन ने इस पर प्रतिक्रिया दी है और कहा है, ''रूस के युद्ध पर आए बयान में गर्व करने लायक कुछ भी नहीं है।''
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