भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बातचीत और सहयोग के माध्यम से आम सुरक्षा को बढ़ावा देने पर चर्चा के दौरान एक-दूसरे की संप्रभुता और अखंडता का सम्मान करने की बात कही।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की राजदूत रुचिरा कम्बोज ने कहा कि एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने के बाद ही कोई देश ये उम्मीद करे कि उसकी संप्रभुता का सम्मान किया जाएगा।
इस दौरान भारत ने किसी देश का नाम लिए बिना आतंकवाद से निपटने में दोहरे मापदंडों का भी ज़िक्र किया। अगस्त 2022 के लिए चीन ही सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है। माना जा रहा है कि भारत का निशाना चीन ही था।
रुचिरा कम्बोज ने कहा, ''यथास्थिति को बदलने के इरादे से कोई भी बलपूर्वक या एकतरफ़ा कार्रवाई आम सुरक्षा का अपमान है। आम सुरक्षा तभी संभव है जब सभी देश एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करेंगे। इसके बाद ही उनकी संप्रभुता को सम्मान मिलेगा।''
रुचिरा कम्बोज ने ये बयान ऐसे समय दिया है जब भारत और चीन के बीच बीते दो सालों से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव बना हुआ है।
रुचिरा कम्बोज ने कहा, ''आम सुरक्षा तभी संभव है जब देश एक-दूसरे के साथ किए गए द्विपक्षीय या बहुपक्षीय समझौतों का सम्मान करें, और उन समझौतों को बेकार करने के लिए एकतरफ़ा कार्रवाई न करें।''
भारत लगातार ये आरोप लगाता रहा है कि सीमा से जुड़े कई समझौतों और प्रोटोकॉल का चीन उल्लंघन करता है।
बीते दो महीने में चीन ने संयुक्त राष्ट्र में भारत और अमेरिका की ओर से लश्कर-ए-तैयबा के नेता अब्दुल रहमान मक्की और जैश-ए-मोहम्मद के नेता अब्दुल राउफ़ अज़हर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के प्रस्ताव को रोका है।
रुचिरा कम्बोज ने कहा, ''साझा सुरक्षा तभी होगी जब सारे देश आतंकवाद जैसे साझा ख़तरों के ख़िलाफ़ एक साथ खड़े हों और दोहरे मापदंड छोड़ें।''
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