माधबी पुरी बुच की सफाई पर हिंडनबर्ग ने क्या कहा?
सोमवार, 12 अगस्त 2024
हिंडनबर्ग ने बाज़ार नियामक सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर रविवार, 11 अगस्त 2024 की रात एक बार फिर सवाल उठाए हैं।
हिंडनबर्ग ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर दस्तावेज़ों के साथ एक पोस्ट करते हुए कुछ दावे भी किए।
हिंडनबर्ग ने माधबी पुरी बुच के बयान वाले एएनआई के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, "हमारी रिपोर्ट पर सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच की प्रतिक्रिया में कई ज़रूरी बातें स्वीकार की गई हैं। और कई नए महत्वपूर्ण सवाल भी खडे़ हुए हैं।''
हिंडनबर्ग ने कहा कि माधबी पुरी बुच के जवाब से पुष्टि होती है कि उनका बरमूडा/मॉरीशस के फ़ंड में निवेश था। जिसका पैसा विनोद अदानी ने इस्तेमाल किया। उन्होंने (माधबी पुरी बुच) पुष्टि की है कि ये फ़ंड उनके पति के बचपन के दोस्त चलाते थे, जो तब अदानी के डायरेक्टर थे।
हिंडनबर्ग ने माधबी पुरी बुच की प्रतिक्रिया पर और क्या कहा?
- अदानी से संबंधित निवेश फ़ंड की जांच की ज़िम्मेदारी सेबी को दी गई थी। इसमें माधबी पुरी बुच के व्यक्तिगत निवेश वाले फ़ंड शामिल थे।
- माधबी पुरी बुच के बयान में ये भी दावा किया गया है कि वो दोनों कंसल्टिंग कंपनियों से 2017 में सेबी में नियुक्त होते ही हट गईं। लेकिन 31 मार्च, 2024 की शेयर होल्डिंग बताती है कि अगोरा एडवाइजरी (इंडिया) में माधबी पुरी बुच की 99 फ़ीसदी की हिस्सेदारी है, न कि उनके पति की। वो अब भी एक्टिव हैं और कंपनी में कमाई कर रही हैं।
- सिंगापुर के रिकॉर्ड्स के अनुसार, मार्च 2016, 2022 के वक्त तक माधबी पुरी बुच की अगोरा पार्टनर्स सिंगापुर में 100 फ़ीसदी हिस्सेदारी थी। मतलब सेबी में पूर्णकालिक सदस्य रहते हुए। माधबी पुरी बुच ने सेबी का चेयरपर्सन बनने के दो हफ्ते बाद अपने शेयर पति के नाम ट्रांसफर कर दिए।
- अगोरा एडवाइजरी ने वित्त वर्ष (2022, 2023 और 2024) में 2.3 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया। जबकि माधबी पुरी बुच इस दौरान सेबी की चेयरपर्सन भी हैं।
माधबी पुरी बुच ने सेबी की पूर्णकालिक सदस्य रहते हुए अपने पर्सनल ई-मेल आईडी से पति के नाम का इस्तेमाल कर बिजनेस किया।
व्हिसलब्लोअर दस्तावेज़ों के अनुसार, 2017 में सेबी की पूर्णकालिक सदस्य के रूप में माधबी पुरी बुच की नियुक्ति से कुछ हफ्ते पहले माधबी पुरी बुच ने ये सुनिश्चित किया कि अदानी से जुड़े अकाउंट "केवल उनके पति धवल बुच के नाम पर पंजीकृत हों।''
(आईबीटीएन के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)
शेयरिंग के बारे में
कनाडा-भारत विवाद के पीछे क्या है?
सोमवार, 21 अक्टूबर, 2024
...
भारत के सुप्रीम कोर्ट का बुलडोज़र एक्शन पर सख़्त रुख़, सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
विपक्ष के विरोध के बाद लेटरल एंट्री को मोदी सरकार ने यूपीएससी से रद्द करने का अनुरो...
कोलकाता रेप-मर्डर केस पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
मंगलवार, 20 ...
बांग्लादेश में क्रांति को कुचलने के लिए भारत से कई योजनाएं बनाई जा रही हैं: बांग्ला...