अमरीका ने चीन पर उन हैकरों की मदद करने का आरोप लगाया है जो कोरोना वैक्सीन बनाने की कोशिश में जुटी कंपनियों को निशाना बना रहे हैं।
अमरीकी अधिकारियों ने चीन के दो नागरिकों पर आरोप लगाया है कि वो कोरोना वैक्सीन पर शोध कर रही अमरीकी कंपनी की जासूसी कर रहे थे और ऐसा करने में उन्हें चीनी सरकार से मदद मिल रही थी।
अमरीका ने चीनी साइबर जासूसी के ख़िलाफ़ अभियान छेड़ा है और इसी दौरान ये बात सामने आई है।
पिछले हफ़्ते यूके, अमरीका और कनाडा ने रूस पर भी कोरोना वैक्सीन से जुड़े रिसर्च को चुराने का आरोप लगाया था।
अमरीका ने चीन के जिन दो नागरिकों (ली शियाओयू और डॉंग जियाज़ी) पर आरोप लगाया है वो पहले इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र रहे हैं।
अमरीका ने उन पर व्यापार की ख़ुफ़िया जानकारी चुराने का भी आरोप लगाया है।
ये दोनों छात्र चीन में रहते हैं। अमरीका के अनुसार ये दोनों निजी हैकर हैं लेकिन चीन के सरकारी अधिकारी इनकी मदद करते रहे हैं।
अमरीका के अनुसार इन दोनों ने जनवरी में मैसाचुसेट्स स्थित एक बायोटेक फ़र्म को हैक करने की कोशिश की जो कोरोना वायरस के इलाज पर शोध कर रही थी। उन्होंने मैरीलैंड स्थित एक कंपनी को भी हैक करने की कोशिश की थी।
अमरीका के अनुसार दोनों चीनी नागरिकों ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, जर्मनी, जापान, नीदरलैंड्स, स्पेन, स्वीडन और ब्रिटेन स्थित उन कंपनियों और बायोटेक फ़र्म को निशाना बनाया जो कि कोरोना वैक्सीन पर शोध कर रहे हैं।
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