तुर्की के लड़ाकू विमानों ने उत्तरी सीरिया के कुछ हिस्सों पर बम बरसाए हैं।
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि उनकी सेना कुर्द लड़ाकों को निशाना बनाकर एक 'सेफ़-ज़ोन' तैयार कर रही है।
कुर्दों के नेतृत्व वाले सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्स का कहना है कि इस हमले में कम से कम दो नागरिक मारे गए हैं।
जबकि तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि अंकारा द्वारा पिछले दिन अपना अभियान शुरू करने के बाद से 109 ''आतंकवादियों'' मारे गए।
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने जोर देकर कहा है कि ऑपरेशन कुर्द लोगों के खिलाफ नहीं है, केवल ''आतंकवादियों'' के खिलाफ हैं।
तुर्की के इस हमले से कुर्दो के नेतृत्व वाले अमरीकी गठबंधन के साथ झगड़ा बढ़ सकता है।
गठबंधन ने कहा है कि सीमापार तुर्की की किसी भी कार्रवाई का मुंहतोड़ जबाव दिया जाएगा।
सीरिया के कुर्द संगठन ने अमरीका और इस्लामिक स्टेट के ख़िलाफ़ बने गठबंधन से इस इलाक़े में नो फ़्लाई ज़ोन बनाने को कहा है ताकि "निर्दोष लोगों पर हमले" को रोका जा सके।
सीरिया में इस्लामिक स्टेट को हराने में कुर्द लड़ाके अमरीका के प्रमुख सहयोगी रहे हैं।
कुर्द लड़ाके अपने नियंत्रण वाले इलाक़ों मे बनी जेलों में बंद हज़ारों इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों और उनके रिश्तेदारों की निगरानी करते हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा है कि अब से जेलों में बंद हज़ारों इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों की जिम्मेदारी तुर्की की है।
तुर्की ने उत्तरपूर्वी सीरिया में जमीनी हमले शुरू कर दिए हैं। राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के उत्तरी सीरिया से अमरीकी सैनिकों को वापस बुलाने के विवादास्पद फैसले के कुछ दिन बाद ही ये हमला हुआ है।
इस फ़ैसले से पहले तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने ट्रंप को फ़ोन किया था। लेकिन अमरीका और बाहर इस फैसले की कड़ी आलोचना हो रही है।
एर्दोगन ने ट्विटर पर कहा है, "ये अभियान हमारे दक्षिणी सीमा पर चरमपंथी कॉरिडोर बनाए जाने से रोकने और इस इलाक़े में शांति स्थापित करने के लिए शुरू किया गया है।''
उन्होंने ये भी कहा है, "ये सीरिया की क्षेत्रीय संप्रभुता को बनाए रखेगा और आतंकवादियों से स्थानीय आबादी को आज़ाद करेगा।''
कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि टैंक उनके गांव तक पहुंच गए हैं।
तुर्की कुर्द लड़ाकों को हटाकर वहां सेफ़ ज़ोन बनाना चाहता है। तुर्की कुर्द लड़ाकों को आतंकवादी मानता है।
फिलहाल तुर्की में क़रीब 36 लाख सीरियाई शरणार्थी रह रहे हैं।
ख़बरें हैं कि रास अल आइन और तल अबियाद कस्बों से लोग पलायन करने लगे हैं, जहां कई हवाई हमले किए गए।
एसडीएफ़ के अनुसार, इन हमलों में दो नागरिक मारे गए हैं और रास अल आइन के पश्चिमी हिस्से में मिशराफ़ गांव में दो अन्य लोग घायल हुए हैं।
कई देशों ने इस हमले पर चिंता ज़ाहिर की है। ब्रिटेन और फ्रांस इस मामले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की योजना बना रहे हैं। जबकि यूरोपीय संघ के अध्यक्ष ने सैन्य अभियान रोकने के लिए कहा है।
इस बीच ट्रंप के क़रीबी अमरीकी सीनेटर लिंड्से ग्राहम ने कहा है कि वो कांग्रेस में इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि एर्दोगन को इसकी भारी क़ीमत चुकानी पड़े।
उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने बेशर्मी से अपने कुर्द सहयोगियों को अकेला छोड़ दिया है।
ट्रंप ने एक बयान में कहा है कि संदिग्ध इस्लामिक स्टेट लड़ाके जेल में बने रहें और इस्लामिक स्टेट फिर से संगठित न हो इसके लिए तुर्की ज़िम्मेदार होगा।
इस्लामिक स्टेट के ख़िलाफ़ लड़ाई में कुर्द संगठनों ने अपने 11,000 लड़ाके खोए हैं।
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