पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने रविवार को एक के बाद एक पांच ट्वीट करते हुए भारत के कश्मीर में कर्फ़्यू के बहाने मोदी सरकार और भारत के परमाणु हथियारों पर सवाल खड़े किए हैं।
इमरान ख़ान ने कहा है कि दुनिया को भारत के परमाणु हथियारों की सुरक्षा के बारे में विचार करना चाहिए। उन्होंने मोदी सरकार की जर्मनी के नाज़ी शासन से तुलना की है और परमाणु हथियारों की सुरक्षा पर चिंता जताई है।
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा था कि भारत परमाणु हथियारों के 'पहले इस्तेमाल न' करने की नीति पर अभी भी कायम है लेकिन 'भविष्य में क्या होता है यह परिस्थितियों पर निर्भर करता है।'
इस बयान के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर भारत के परमाणु हथियारों पर चिंता जताई थी।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने अपने पहले ट्वीट में लिखा, "जर्मनी पर जैसे नाज़ियों ने क़ब्ज़ा किया था वैसे ही भारत पर अब फ़ासीवादी, जातिवादी हिंदू वर्चस्ववादियों की विचारधारा और नेतृत्व ने क़ब्ज़ा कर लिया है। दो सप्ताह से भारत के क़ब्जे वाले कश्मीर में 90 लाख कश्मीरी घेरेबंदी में डरे हुए हैं। इस ख़तरे की घंटी के बारे में दुनिया को पता चलना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र को अपने पर्यवेक्षक यहां भेजने चाहिए।''
इमरान ख़ान ने इसके बाद अगला ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है, "यह ख़तरा न केवल पाकिस्तान को है बल्कि नेहरू-गांधी के विचारों के भारत और अल्पसंख्यकों को भी है। कोई भी आसानी से आरएसएस-बीजेपी के संस्थापकों की नरसंहार की विचारधारा और नाज़ियों की ख़ास समुदाय के नरसंहार की विचारधारा के बीच संबंध को केवल गूगल करके समझ सकता है।''
इमरान ख़ान केवल कश्मीर पर ही नहीं रुके बल्कि उन्होंने भारत के मुस्लिमों पर भी ट्वीट किया। उन्होंने एनआरसी का नाम लिए बिना कहा कि भारत के 40 लाख मुस्लिमों पर हिरासत केंद्र में जाने का ख़तरा मंडरा रहा है।
उन्होंने ट्वीट किया, "पहले से 40 लाख भारतीय मुस्लिम हिरासत केंद्र और नागरिकता छिन जाने के ख़तरे का सामना कर रहे हैं। दुनिया को इस बारे में देखना चाहिए कि आरएसएस के बदमाशों के साथ नफ़रत और नरसंहार के सिद्धांत का जिन्न बोतल से बाहर आ रहा है। जब तक कि यह फैले अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसे रोकना होगा।''
इसके साथ ही इमरान ख़ान ने परमाणु हथियारों पर चिंता जताते हुए कहा है कि दुनिया को भारत के परमाणु हथियारों की सुरक्षा के बारे में सोचना चाहिए क्योंकि यह फ़ासीवादी मोदी सरकार के नियंत्रण में है।
इमरान ख़ान ने बार-बार मोदी सरकार को हिंदू वर्चस्ववादी और फ़ासीवादी बताया है। उन्होंने कहा है कि यह मुद्दा सिर्फ़ क्षेत्र को ही नहीं बल्कि दुनिया को प्रभावित करेगा।
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