भारत के सु़प्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में बहुसंख्यक मुसलमानों द्वारा अल्पसंख्यकों के लिए निर्धारित लाभ उठाने का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका पर जवाब दायर नहीं करने पर केन्द्र की मोदी सरकार को आज 30,000 रुपए हर्जाना भरने का निर्देश दिया है।
भारत के प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति एन वी रमण की पीठ ने दो सप्ताह के भीतर हर्जाना भरने का निर्देश देते हुये केंद्र के वकील को जवाब दायर करने की अनुमति दे दी।
न्यायालय ने यह भी रेखांकित किया कि इसी वजह से पिछली बार भी 15,000 रुपए जुर्माना लगाया गया था।
पीठ ने कहा कि यह मामला बहुत महत्वपूर्ण है और केंद्र को जवाब दायर करने का आखिरी मौका दिया जाता है।
जम्मू निवासी वकील अंकुर शर्मा ने याचिका दायर करके आरोप लगाया है कि अल्पसंख्यकों को दिए जाने वाले लाभ वे मुसलमान उठा रहे हैं जो जम्मू-कश्मीर में बहुसंख्यक हैं।
इससे पहले अदालत ने इस याचिका के संबंध में केंद्र, राज्य सरकार और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को नोटिस जारी किया था।
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