अमेरिकी मोटर निर्माता कंपनी टेस्ला इंक के प्रोडक्ट आर्किटेक्ट एलन मस्क ने कंपनी का नया कारखाना चीन में खोलने का फैसला किया है।
द वाल स्ट्रीट जनरल की खबर के अनुसार, टेस्ला ने पहली बार अमेरिका से बाहर कारखाना खोलने के लिए चीन के साथ करार कर लिया है। टेस्ला के इस फैसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' मुहिम को बड़ा झटका माना जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, चीन में बनने वाले इस कारखाने का मालिक टेस्ला होगा, न कि उसे तैयार करने वाला स्थानीय निर्माता। चीन ने इलेक्ट्रिक वेहिकल मैनुफैक्चर्स की सुविधा के लिए हाल ही में कुछ कानूनी रियायतें दी हैं। माना जा रहा है कि चीन टेस्ला को 25 प्रतिशत आयात शुल्क में शायद ही छूट दे।
मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने टेस्ला को किसी भारतीय ऑटोमोबाइल निर्माता के साथ भारत में कारखाना खोलने के लिए प्रस्ताव दिया था।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2015 में टेस्ला के फ्रीमोंट स्थित कारखाने का दौरा किया था। इसी साल जून में टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क ने ट्विटर पर सूचित किया था कि उनकी कंपनी इस मसले पर भारत सरकार के साथ बातचीत कर रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, कार कंपनी स्थानीय कारखाने के निर्माण तक आयात से जुड़े जुर्माने और अन्य पाबंदियों में ढील चाहती थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर 2014 को 'मेक इन इंडिया' योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत में निर्माण के लिए प्रेरित किया जाता है। इसके माध्यम से भारत सरकार देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को बढ़ावा दे रही है। सरकार को उम्मीद है कि 'मेक इन इंडिया' से देश में निवेश के साथ ही रोजगार में भी बढ़ोत्तरी होगी।
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