महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष के फ़ैसले के बाद शिवसेना उद्धव गुट सुप्रीम कोर्ट जायेगा

 10 Jan 2024 ( परवेज़ अनवर, एमडी & सीईओ, आईबीटीएन ग्रुप )
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महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष के फ़ैसले के बाद शिवसेना उद्धव गुट सुप्रीम कोर्ट जायेगा

बुधवार, 10 जनवरी 2024

असली शिवसेना कौन? इस पर महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नावर्रेकर का फ़ैसला आ गया है और उन्होंने शिंदे गुट को ही वास्तविक शिवसेना कहा है।

जिसके बाद उद्धठ ठाकरे गुट के भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं। पूछा जा रहा है कि क्या अब स्पीकर के फ़ैसले के बाद उद्धव गुट के 14 विधायक अयोग्य ठहरा दिए जाएंगे?

इस सवाल का जवाब अध्यक्ष ने अपने फ़ैसले में ही दे दिया है। विधानसभा के अध्यक्ष ने शिवसेना के दोनों ही गुटों के किसी भी विधायक को अयोग्य घोषित नहीं किया है।

विधानसभा के अध्यक्ष ने कहा है कि दोनों ही गुट के विधायकों की योग्यता बरकरार रहेगी।

शिंदे गुट की शिवसेना को 'असली पार्टी' बताने के फ़ैसले पर उद्धव ठाकरे ने क्या कहा?

महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष की तरफ़ से आए फ़ैसले के बाद पहली बार महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट के प्रमुख उद्धठ ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है।

उद्धव ठाकरे ने अध्यक्ष के फ़ैसले को लोकतंत्र की हत्या और सुप्रीम कोर्ट का अपमान बताया है।

उद्धव ठाकरे ने कहा, ''हम जनता के बीच जाएंगे...हम लोगों के बीच जा भी रहे हैं और हम जनता के लिए, जनता को साथ लेकर लड़ेंगे।''

वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। शरद पवार ने कहा, ''इस फ़ैसले के बाद, उद्धव सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्हें उम्मीद है कि वहां न्याय मिलेगा।''

संजय राउत ने कहा, स्पीकर के फ़ैसले से ख़त्म नहीं होगी शिवसेना, हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे...

महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष के फ़ैसले के बाद शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत ने कहा है कि ये बीजेपी का षड्यंत्र था।

संजय राउत ने कहा, ''ये उनका सपना था कि हम एक दिन बालासाहेब ठाकरे की शिव सेना को ख़त्म कर देंगे। लेकिन शिव सेना इस फ़ैसले से ख़त्म नहीं होगी...हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।''
 
उधर शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि स्पीकर के फ़ैसले पर उन्हें कोई आश्चर्य नहीं हुआ।

प्रियंका चतुर्वेदी ने इस फ़ैसले को आठ महीने पहले आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भावना के ख़िलाफ़ बताया है।

प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ''बचपन से हम सुनते आए हैं कि जो होता है मंज़ूर-ए-ख़ुदा होता है, चूंकि हम गणतंत्र हैं इसलिए यहां जो होता है वो संविधान से होता है। लेकिन 2014 से एक नई परंपरा शुरू हुई है...जो होता है मंज़ूर-ए-अमित शाह और नरेंद्र मोदी होता है।''

महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष का फ़ैसला: एकनाथ शिंदे को पार्टी से निकालने का हक उद्धव ठाकरे को नहीं था

एकनाथ शिंदे या उद्धव ठाकरे, किसके विधायक होंगे अयोग्य... इसे लेकर महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने फ़ैसला दे दिया है।

राहुल नार्वेकर ने कहा है कि शिंदे गुट ही असली शिवसेना होगी।

विधानसभा अध्यक्ष  राहुल नार्वेकरने फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि 21 जून, 2022 को जब प्रतिद्वंद्वी गुट उभरे तो शिंदे गुट ही असली शिवसेना राजनीतिक दल था।

राहुल नार्वेकर ने कहा कि 21 जून 2022 को शिवसेना में फूट पड़ गई। इसलिए, सुनील प्रभु का व्हिप उस तारीख़ के बाद लागू नहीं होता है और इसीलिए व्हिप के रूप में भरत गोगावले की नियुक्ति सही है।

राहुल नार्वेकर ने कहा कि एकनाथ शिंदे समूह के विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिकाकर्ताओं की मांग को उचित नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि सुनील प्रभु का व्हिप लागू नहीं है।

राहुल नार्वेकर ने कहा कि साल 2022 में उद्धव ठाकरे की तरफ़ से एकनाथ शिंदे को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना ग़लत था क्योंकि उद्धव ठाकरे को इसका संवैधानिक अधिकार नहीं था।

राहुल नार्वेकर ने ये फ़ैसला शिवसेना पार्टी के 1999 के संविधान के आधार पर दी है।

राहुल नार्वेकर ने कहा, ''चूंकि चुनाव आयोग के सामने शिवसेना पार्टी के 1999 का संविधान ही सौंपा गया है, साल 2018 का संशोधित संविधान नहीं। इसलिए फ़ैसला 1999 के संविधान के मुताबिक़ ही होगा।

राहुल नार्वेकर ने कहा, ''शिवसेना पार्टी का 1999 का संविधान कहता है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य शिवसेना का नेतृत्व करेंगे, जबकि 2018 का संविधान कहता है कि शिवसेना पार्टी प्रमुख का फ़ैसला ही शिवसेना पार्टी का फ़ैसला होगा।''

पर अब जब साल 2018 का संविधान अमान्य माना गया है तो शिवसेना पार्टी प्रमुख के पास किसी भी सदस्य को शिवसेना पार्टी से निकालने का अप्रतिबंधित अधिकार नहीं था।

इसलिए राहुल नार्वेकर ने स्पष्ट राय व्यक्त की कि एकनाथ शिंदे को शिवसेना पार्टी से निकालने का उद्धव ठाकरे का अधिकार स्वीकार्य नहीं है।

इस नतीजे से एकनाथ शिंदे गुट के 16 विधायकों को राहत मिली है। वहीं उद्धठ ठाकरे गुट को झटका लगा है।

मामला क्या है?

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना के 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के पास याचिका दायर की थी।

उसके बाद, शिंदे समूह ने अपने आपको असली शिव सेना होने का दावा करते हुए कहा कि ठाकरे समूह के विधायकों ने व्हिप तोड़ा।

एकनाथ शिंदे पर भी अयोग्य होने का ख़तरा मंडरा रहा है। इससे महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता भी पैदा हो सकती है।

वहीं अगर उद्धव ठाकरे के 14 विधायक अयोग्य घोषित होते हैं तो उनकी पार्टी के सामने बड़ी चुनौती आ खड़ी होगी।

 

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