सऊदी अरब-इजराइल सम्बन्ध: सऊदी अरब के प्रिंस ने इसराइल की कड़ी आलोचना की

 07 Dec 2020 ( न्यूज़ ब्यूरो )
POSTER

सऊदी अरब के प्रिंस तुर्की अल-फ़ैसल ने 06 दिसंबर 2020 को हुई बहरीन सिक्यॉरिटी समिट में इसराइल की कड़ी आलोचना की है।

इसराइल के विदेश मंत्री गाबी अशकेनाज़ी इसमें ऑनलाइन शामिल हुए।  इस घटनाक्रम से अरब देशों और इसराइल के बीच आगे किसी बातचीत की राह में चुनौतियां सामने आई हैं।

समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक़, मनामा डायलॉग में प्रिंस तुर्की अल-फ़ैसल की कड़ी टिप्पणियों की वजह से इसराइल को हैरानी हुई है क्योंकि इसराइल के विदेश मंत्री को ऐसा होने की उम्मीद नहीं थी।

ख़ासतौर पर तब जबकि संबंधों को सामान्य बनाने वाले समझौतों के बाद बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारियों ने इसराइलियों का गर्मजोशी से स्वागत किया था।

इसराइल और फ़लस्तीनियों में दशकों से विवाद और संघर्ष रहा है।  फ़लस्तीनियों का विचार है कि ये समझौते उनके साथ धोखा है और इस तरह हैं जैसे उनके अरब साथियों ने पीठ में छुरा घोंप दिया हो।

प्रिंस तुर्की अल-फ़ैसल ने अपनी बात शुरू करते हुए 'इसराइल की शांति-प्रेमी और उच्च नैतिक मूल्य वाले देश' की धारणा को 'पश्चिमी औपनिवेशिक ताक़त' के तहत कहीं ज़्यादा स्याह फ़लस्तीनी हकीक़त बताया।

प्रिंस तुर्की अल-फ़ैसल ने कहा कि ''इसराइल ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए फ़लस्तीनियों को क़ैद में रखा जहां बुज़ुर्ग, आदमी-औरतें बिना किसी इंसाफ़ के एक तरह से सड़ रहे हैं। वो घरों को गिरा रहे हैं और चाहे जिसकी हत्या कर रहे हैं।''

प्रिंस तुर्की अल-फ़ैसल ने ''इसराइल के परमाणु हथियारों के अघोषित ज़ख़ीरे और इसराइली सरकार की सऊदी अरब को कमज़ोर करने की कोशिशों'' की भी भर्त्सना की।

प्रिंस तुर्की अल-फ़ैसल ने सऊदी अरब का आधिकारिक रुख़ दोहराया कि समस्या का समाधान 'अरब पीस इनिशिएटिव' को लागू करने में निहित है।

साल 2002 में सऊदी अरब प्रायोजित 'अरब पीस इनिशिएटिव' समझौते में इसराइल के अरब देशों के साथ हर तरह के रिश्तों के बदले साल 1967 में इसराइली क़ब्ज़े वाले इलाक़े को फ़लस्तीनी देश का दर्जा देने की मांग की गई थी।

उन्होंने कहा, ''आप खुले ज़ख़्म को दर्द निवारक दवाओं से ठीक नहीं कर सकते हैं।''

प्रिंस तुर्की अल-फ़ैसल के बात के फ़ौरन बाद इसराइली विदेश मंत्री गाबी अशकेनाज़ी ने कहा, ''सऊदी प्रतिनिधियों की टिप्पणियों पर मैं अपना खेद प्रकट करना चाहता हूं। मुझे नहीं लगता कि उनकी बातों में वो मर्म और बदलाव नज़र आते हैं जो मिडिल ईस्ट में हो रहे हैं।''

इसराइली विदेश मंत्री गाबी अशकेनाज़ी ने इसराइली रुख़ दोहराते हुए कहा कि ''शांति समझौता ना होने के लिए फ़लस्तीनी ज़िम्मेदार हैं।  फ़लस्तीनियों को लेकर हमारे पास विकल्प है कि हम इसका समाधान करें या ना करें या यूं ही आरोप-प्रत्यारोप करते रहें।''

बहरीन सिक्योरिटी समिट को देख-सुन रहे संयुक्त राष्ट्र में पूर्व राजदूत और नेतन्याहू के क़रीबी डोर गोल्ड ने प्रिंस तुर्की अल-फ़ैसल की टिप्पणियों पर कहा कि अतीत में भी कई झूठे आरोप लगाए गए हैं।

इस पर प्रिंस तुर्की अल-फ़ैसल ने उन्हें भी आड़े हाथों लिया।

सऊदी बनाम इसराइल

सऊदी अरब ऐतिहासिक रूप से इसराइल और इसके फ़लस्तीनी लोगों के साथ होने वाले बर्ताव का आलोचक रहा है और अरब मीडिया इसराइल को एक 'यहूदी देश' के तौर पर खारिज करते रहे हैं।

सऊदी अरब के दूर-दराज और देहाती इलाकों में लोग न सिर्फ इसराइल को बल्कि सभी यहूदी लोगों को अपने दुश्मन के तौर पर देखते आए हैं।

हालांकि, यहूदियों को लेकर कई तरह की भ्रामक थिअरीज़ अब नहीं दिखाई देतीं। इसकी एक वजह यह भी है कि सऊदी लोग काफी वक्त इंटरनेट पर बिताते हैं और इस वजह से दुनिया में चल रही चीजों के बारे में काफी जागरूक हैं।

इसके बावजूद सऊदी आबादी के एक तबके में बाहरी लोगों को लेकर एक शक अभी भी कायम है। सऊदी अरब और खाड़ी देशों के फलस्तीन के साथ रिश्तों का एक विचित्र इतिहास रहा है।

खाड़ी देश आमतौर पर फलस्तीनी मुद्दे के समर्थक रहे हैं। दशकों से वे राजनीतिक और वित्तीय रूप से फलस्तीन की मदद कर रहे हैं। लेकिन, जब फलस्तीनी नेता यासिर अराफात ने 1990 में इराकी राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन के कुवैत पर हमले और कब्जे का समर्थन किया तो उन्हें यह एक बड़ा धोखा जान पड़ा।

अमरीका की अगुवाई में ऑपरेशन डेजर्ट स्टॉर्म के बाद और 1991 में स्वतंत्र होने पर कुवैत ने अपने यहां मौजूद फलस्तीनियों की पूरी आबादी को बाहर निकाल दिया और उनकी जगह मिस्र के हजारों लोग बसा दिए गए।

इस इलाके के पुराने शासकों को अराफात के धोखे को भुलाने में लंबा वक्त लगा है।

 

(आईबीटीएन के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)

इस खबर को शेयर करें

शेयरिंग के बारे में

विज्ञापन

https://www.ibtnkhabar.com/

 

https://www.ibtnkhabar.com/

LIVE: Watch TRT WORLD


https://www.ibtnkhabar.com/

https://www.ibtnkhabar.com/

https://www.ibtnkhabar.com/

https://www.ibtnkhabar.com/

https://www.ibtnkhabar.com/

Copyright © 2024 IBTN Al News All rights reserved. Powered by IBTN Media Network & IBTN Technology. The IBTN is not responsible for the content of external sites. Read about our approach to external linking