बैकिंग कर्मचारियों की एक प्रमुख यूनियन के शीर्ष नेतृत्व ने मांग की है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आर बी आई) के गर्वनर उर्जित पटेल को हीरा कारोबारी नीरव मोदी द्वारा किए गए 1.8 अरब डॉलर के घोटाले/धोखाधड़ी के बाद नैतिक आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
ऑल इंडिया बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन (ए आई बी ई ए) के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने आई ए एन एस को बताया, ''इस घोटाले/धोखाधड़ी को लेकर आर बी आई गवर्नर की लगातार चुप्पी आश्चर्यजनक और विस्मयकारी है। यह आर बी आई की गहरी भागीदारी पी एन बी के नोस्ट्रो खातों की जांच में आर बी आई की कोताही को दिखाता है।''
उनके मुताबिक, घोटाले का शिकार बनी पी एन बी की मुंबई स्थित ब्रैडी शाखा एक श्रेणी की विदेशी मुद्रा बैंक शाखा है और भारतीय रिजर्व बैंक इस पर निगरानी रखने में विफल रहा है जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर घोटाले/धोखाधड़ी हुई है।
वेंकटचलम ने कहा, ''भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर को पूर्ण विफलता की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा दे देना चाहिए। उनके अनुसार, पी एन बी के निदेशक मंडल में भारतीय रिजर्व बैंक के उम्मीदवार भी हैं। इसके अलावा आर बी आई सभी बैंक शाखाओं में निरीक्षण करती है और इसलिए केंद्रीय बैंक जिम्मेदारी से नहीं बच सकती है। वेंकटचलम ने भारतीय रिजर्व बैंक के पुनर्गठन की भी मांग की, और कहा कि केंद्रीय बैंक पर शीघ्र सुधारात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।
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