मौसम विज्ञानियों मुताबिक, उत्तर पश्चिम भारत के कुछ इलाके इस बार भी सूखे की तरफ बढ़ रहे हैं। भारतीय मौसम विभाग (आई एम डी) के अनुसार, उत्तर पश्चिमी भारत में पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली के मैदानी इलाकों के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी और पूर्वी राजस्थान भी आते हैं और पहाड़ी इलाके उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर और हिमाचल प्रदेश भी।
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि एक जून से 14 अगस्त तक उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में सामान्य से चार फीसद बारिश ज्यादा हुई है, लेकिन इस आंकड़े की वजह जून में हुई भरपूर वर्षा है। साथ ही, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी क्षेत्रों की बरसात का भी योगदान है। अगर, पश्चिमी यूपी, दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़ और पंजाब की बात की जाए तो यहां बारिश की स्थिति पिछले पांच-छह सालों जैसी ही है।
विज्ञानियों का अनुमान है कि बचे-खुचे बारिश के मौसम में इन मैदानी इलाकों में बहुत ज्यादा बरसात नहीं होगी। जो भी बारिश होनी है, वह मध्य भारत में ही होगी। यह क्षेत्र भी अभी सामान्य से आठ फीसद कम बारिश से जूझ रहा है।
मई महीने में अमेरिकी मौसम कंपनी एक्यूवेदर ने अंदेशा जताया था कि भले ही भारत में इस बार मानसून में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज हो, लेकिन उत्तर पश्चिम भारत के कुछ इलाकों से लेकर पाकिस्तान तक सूखा फैल सकता है।
इस कंपनी ने दक्षिणी भारतीय प्रायद्वीप में भी सूखे की आशंका जताई थी। कंपनी का मौसम अनुमान अगस्त का आधा पखवाड़ा बीतने तक सही प्रतीत होता दिखाई दे रहा है।
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