पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने आज (1 जून) कहा कि दक्षिण एशिया में टिकाऊ शांति के लिए भारत बड़ा अवरोधक बन गया है। इसके अलावा उन्होंने कश्मीर मुद्दे को बंटवारे का अपूर्ण एजेंडा बताया।
डॉन के मुताबिक, संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान एवं भारत के बीच तल्ख द्विपक्षीय संबंधों को रेखांकित किया।
कश्मीर को उपमहाद्वीप के बंटवारे का अपूर्ण एजेंडा बताते हुए पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने कहा, ''भारत क्षेत्र में टिकाऊ शांति के लिए बड़ी बाधा बन गया है।''
उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान के शांति प्रयासों पर सकारात्मक जवाब की बजाए भारत ने कुलभूषण जाधव, आतंकवादियों और अन्य जासूसों को भेजा।''
कश्मीर की स्थिति और जाधव मामले सहित विभिन्न मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण है।
बता दें कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन से पहले भी कई पाकिस्तान हुक्मरान कश्मीर को बंटवारे का अधूरा एजेंडा बता चुके हैं। इसी साल जनवरी में पाकिस्तान के पूर्व आर्मी चीफ राहील शरीफ ने भी ऐसा ही बयान दिया था।
पिछले ही महीने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भी कहा था कि कश्मीर बंटवारे के दौरान अधूरा रह गया एजेंडा है।
भारत ने पाकिस्तान की इस बयानबाजी पर कड़ा उत्तर दिया था और पाकिस्तान से आतंक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
उरी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के संबंध लगातार तनावपूर्ण चल रहे हैं। भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में क्रॉस बॉर्डर एक्शन कर पाकिस्तान को इस हमले का करारा जवाब दिया था।
इधर पाकिस्तान की संसद के संयुक्त सत्र में अपने सालाना अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति ममनून हुसैन को आज (1 जून) विपक्ष का विरोध झेलना पड़ा और सांसदों ने 'गो नवाज गो' जैसे सरकार विरोधी नारे लगाये।
विपक्ष की मुख्य दलील है कि सरकार ने बजट पर विपक्षी नेताओं के भाषण का सरकारी चैनल पीटीवी पर सीधा प्रसारण करने से इनकार कर दिया है।
सत्र शुरू होते ही विपक्ष ने राष्ट्रपति के अभिभाषण में अवरोध डालना शुरू कर दिया। कुछ सांसदों ने तो सीटी बजाई और कुछ ने नारेबाजी की। सांसदों को मेजें थपथपाकर 'गो नवाज गो' जैसे नारे लगाते सुना गया। बाद में विपक्ष ने सदन से वाकआउट किया।
संसद के बाहर मीडिया को संबोधित करते हुए विपक्ष के नेता खुर्शीद शाह ने कहा कि सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए अलोकतांत्रिक तरीकों का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा, ''राष्ट्रपति ने अपने भाषण में भ्रष्टाचार के प्रमुख मुद्दे पर कोई बात नहीं रखी।''
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