अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने मंगलवार को पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन को संबोधित किया। इस संबोधन को ट्रंप काल में अमरीका की विदेश नीति की झलक के तौर पर देखा जा रहा था।
ट्रंप ने साझा हितों में गठजोड़ की बात तो कही, लेकिन विदेशी ज़मीनों पर राष्ट्र-निर्माण के काम से अमरीका के अलग होने की ओर बढ़ने के संकेत भी दिए।
आठ महीने पहले अमरीका के राष्ट्रपति पद की कुर्सी संभालने वाले ट्रंप ने 193 सदस्य देशों वाले संयुक्त राष्ट्र के सालाना अधिवेशन में परमाणु सक्षम अस्थिर देशों के ख़तरे के प्रति विश्व नेताओं को सचेत किया और उत्तर कोरिया को सख़्त शब्दों में धमकी दी, लेकिन ट्रम्प ने म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा।
ट्रंप के संबोधन की अहम बातें ये हैं:
'उत्तर कोरिया को ट्रम्प की धमकी'
- अमरीका के पास बड़ी ताक़त और बड़ा धैर्य है, लेकिन वह अपनी और अपने सहयोगियों की रक्षा के लिए मजबूर है। हमारे पास उत्तर कोरिया को पूरी तरह तबाह करने के सिवा कोई विकल्प नहीं होगा।
- रॉकेट मैन अपने और अपने देश के लिए ख़ुदकुशी के मिशन पर है। अमरीका तैयार, सक्षम और तत्पर है, पर उम्मीद है कि उसकी ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
- उत्तर कोरिया पर पाबंदी के प्रस्ताव के समर्थन के लिए चीन और रूस को धन्यवाद, लेकिन इससे भी कहीं ज़्यादा करने की ज़रूरत है।
- हमारी धरती का एक बड़ा संकट कुछ अस्थिर देशों का एक छोटा समूह है- जो हर उस सिद्धांत का उल्लंघन करता है जिस पर संयुक्त राष्ट्र की बुनियाद है। वे न अपने नागरिकों का सम्मान करते हैं और न ही दूसरे देशों की संप्रभुता का।
'अमरीका का हित सबसे ऊपर'
- आतंकियों और चरमपंथियों ने ताक़त जुटा ली है और वे पूरी धरती पर फैल गए हैं।
- अमरीका हमेशा पूरी दुनिया का, ख़ास तौर से अपने सहयोगियों का अच्छा मित्र रहेगा, लेकिन अब हमारा और फायदा नहीं उठाया जा सकता या हमें एकतरफ़ा समझौतों में नहीं धकेला जा सकता, जहां हमें रिटर्न में कुछ नहीं मिलता।
- जब तक मैं इस पद पर हूं, मैं अमरीका के हित को सबसे ऊपर रखूंगा।
'ईरान समझौता शर्मिंदगी की वजह बना'
- ईरान से 2015 में हुआ परमाणु समझौता अमरीका के लिए शर्मिंदगी है। ईरान हिंसा निर्यात करने वाला आर्थिक तौर पर जर्जर और अस्थिर देश है।
- अमरीका अपनी इच्छा दूसरे देशों पर नहीं थोपना चाहता और उनकी संप्रभुता का सम्मान करना चाहता है।
- मुझे ताक़त अपने पास रखने के लिए नहीं, बल्कि अमरीकी लोगों को ताक़त देने के लिए चुना गया है।
- राष्ट्रपति के तौर पर मैं हमेशा अमरीका को पहले रखूंगा। जैसे आप लोगों को भी अपने देश को सबसे पहले रखना चाहिए।
'वेनेज़ुएला में कार्रवाई के लिए तैयार'
- लोगों की ज़िंदग़ियां सुधारने के लिए राष्ट्र राज्य आज भी सबसे अच्छा ज़रिया है।
- यूक्रेन से लेकर दक्षिण चीन सागर तक हमें संप्रभुता पर आने वाली चुनौतियों को ख़ारिज़ करना होगा।
- सीरिया में हम तनाव की स्थिति दूर करना चाहते हैं और एक ऐसे राजनीतिक हल पर पहुंचना चाहते है, जिसमें सीरियाई लोगों का सम्मान हो।
- वेनेज़ुएला की सरकार अगर अपने देशवासियों का दमन करती रही तो अमरीका आगे की कार्रवाई के लिए तैयार है। वहां लोकतंत्र की पूरी तरह बहाली और राजनीतिक आज़ादी होनी चाहिए।
- कुछ देश नरक में जा रहे हैं, लेकिन संयुक्त राष्ट्र इनमें से कुछ भयावह स्थितियों से उबरने में मदद कर सकता है।
- अमरीका संयुक्त राष्ट्र की फंडिंग का नाजायज़ बोझ उठाता है।
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