अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इसरो के चंद्रयान-2 की लैंडिंग साइट की कुछ नई और 'हाई रेज़ोल्यूशन' तस्वीरें जारी की हैं।
नासा ने ये तस्वीरें अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शेयर की हैं।
26 सितंबर को इन तस्वीरों को ट्वीट करते हुए नासा ने लिखा है: "हमने भारत के चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की लैंडिग साइट की ये तस्वीरें खीचीं हैं। तस्वीरें अंधेरे में ली गई हैं इसलिए लैंडर की स्थिति का पता नहीं लगाया जा सका। अक्टूबर महीने में रोशनी ज़्यादा होने पर और तस्वीरें ली जाएंगी।''
नासा ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर ने सात सितंबर को चांद की सतह पर हार्ड लैंडिंग की थी यानी यह ज़ोर से टकराया था।
विक्रम की लोकेशन का पता नहीं
ये तस्वीरें 'लूनर रेकॉन्सेन्स ऑर्बिटर कैमरा' (LROC) से ली गई हैं। यह कैमरा 17 सितंबर को लैंडिंग साइट के ऊपर से होकर गुज़रा था। तस्वीरें केंद्र से 150 किलोमीटर दूरी से ली गई हैं।
नासा ने कहा है कि अब तक उसकी टीम विक्रम लैंडर की तस्वीर ले पाने या उसकी लोकेशन का पता लगा पाने में सफल नहीं हुई है।
वेबसाइट पर कहा गया है जब ये तस्वीरें ली गईं तब अंधेरा था और मुमकिन है कि विक्रम लैंडर बड़ी-बड़ी परछाइयों में कहीं छिप गया हो।
नासा ने अपने बयान में ये भी कहा है कि स्पेसक्राफ्ट किस लोकेशन पर लैंड हुआ अभी यह निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता।
भारत के चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को 7 सितंबर को चांद की सतह पर लैंड करना था। चांद पर सॉफ़्ट लैंडिंग का यह भारत का पहला प्रयास था जो कामयाब नहीं हो सका।
विक्रम लैंडर ने एक समतल धरातल पर लैंडिंग की कोशिश की थी लेकिन यह उम्मीद के अनुसार नहीं हो सका और इसरो से इसका संपर्क टूट गया था।
(आईबीटीएन के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)
शेयरिंग के बारे में
एचआईवी को लेकर वैज्ञानिकों का दावा, संक्रमित जीन कोशिका से निकाला जा सकता है
वैज्ञानिकों ने धरती पर सबसे बड़े रेगिस्तान से जुड़ा रहस्य सुलझाया
<...वैज्ञानिकों ने कैंसर के बेहतर इलाज के लिए अध्ययन में क्या पाया?
...
क्वांटम डॉट्स विकसित करने के लिए तीन वैज्ञानिकों को रसायन शास्त्र का नोबेल पुरस्कार से नवाज...
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया (एसआईआई) ने कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दुन...