इलाहाबाद हाईकोर्ट ने देवबंद के मौलाना मसूद मदनी की जमानत मंजूर कर ली है। इन पर झाड़ फूँक के बहाने बलात्कार करने का आरोप है।
यह आदेश न्यायमूर्ति ए के त्रिपाठी ने दिया है।
मदनी उत्तराखंड सरकार से दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री थे। इनका कहना है कि उन्हें हनी ट्रैप में झूठा फँसाया गया है।
राज्य सरकार की तरफ से बताया गया कि मोनिका ने फर्जी नाम से पैसे ऐंठने के लिए जाल बिछाया था। हरक सिंह रावत को फँसाने में भी इसी गैंग का हाथ था।
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने भी हनी ट्रेप में फँसाकर पैसे ऐंठने के गिरोह का खुलासा किया है। यही गिरोह लोगों को फँसाकर रूपये ऐंठना है।
विवेचना अधिकारी ने बताया कि मोनिका अपने पति के साथ मदनी के पास मजार पर गयी।
उसने कहा कि उसे औलाद नही है जिस पर मदनी ने झाड़ फूँक की और रात में बलात्कार किया और कहा कि औलाद हो जायेगी। इस आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई।
विवेचना के दौरान खुलासा हुआ कि मोनिका असली नाम नही है जिसे वह पति बता रही, वह उसका पति नही है जिसको अपना पिता बताया वह असली पिता नही है। गैंग लीडर नेत्रपाल है जो जाल बिछाता है और लोगो को फँसा कर रुपये ऐंठना है।
मदनी की तरफ से कहा गया कि उन्हें फँसाया गया है। कोर्ट ने जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
डी रतन की रिपोर्ट।
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