धर्म उपदेशक जाकिर नाईक को प्रत्यर्पित करने की भारत की उम्मीदों को जोरदार झटका लगा है। मलेशियाई सरकार ने जाकिर नाईक को भारत भेजने से इनकार कर दिया है।
मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने शुक्रवार को कहा कि नाईक को भारत नहीं भेजा जाएगा। नाईक ने 2016 से मुस्लिम बहुल देश मलेशिया में शरण ले रखी है। भारत के विदेश मंत्रालय ने जनवरी में नाईक को प्रत्यर्पित करने का औपचारिक अनुरोध किया था।
महातिर मोहम्मद ने कहा, ''जाकिर जब तक हमारे देश में कोई समस्या पैदा नहीं कर रहे हैं, तब तक वह उसे प्रत्यर्पित नहीं करेंगे, क्योंकि जाकिर को मलेशिया की नागरिकता प्राप्त है।
मलेशियाई पीएम के इस बयान से जाकिर को भारत प्रत्यर्पित करने की भारत की कोशिशों को तगड़ा झटका लगा है।
इससे पहले भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि हमारे अनुरोध पर मलेशियाई पक्ष गंभीरता से विचार कर रहा है। कुआलालंपुर में हमारा उच्चायोग इस संबंध में संबंधित मलेशियाई अधिकारियों से नियमित संपर्क में है। भारत ने मलेशिया के साथ प्रत्यर्पण संधि कर रखी है।
जाकिर नाईक के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा जांच एजेंसी (एन आई ए ) चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। जाकिर के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यू ए पी ए) और भारतीय दंड संहिता (आई पी सी) की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
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