श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने सांसदों से सरकार के खिलाफ फिर से अविश्वास प्रस्ताव लाने को कहा है क्योंकि उन्होंने शुक्रवार को लाये गये अविश्वास प्रस्ताव को असंवैधानिक करार दिया है।
राष्ट्रपति कायार्लय की ओर से सोमवार को जारी वक्तव्य के मुताबिक, रविवार की शाम सिरीसेना ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें कई सांसद मौजूद थे। इसमें कहा कि वह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर तभी निर्णय लेंगे, जब उसके लिए नाम के जरिये या फिर इलेक्ट्रॉनिक मशीन के माध्यम से वोट डाले गये हों।
उन्होंने कहा कि स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मतदान करने की यही सबसे स्वीकार्य पद्धति हैं। सिरीसेना की ओर से बुलाई गयी सर्वदलीय बैठक में राष्ट्रपति की ओर से नवनियुक्त महिंद्रा राजपक्षे और बर्खास्त किये गये प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे भी मौजूद थे।
संसद के अध्यक्ष कारू जयसूर्या ने गत शुक्रवार को कहा था कि सरकार के खिलाफ संसद में दूसरी बार लाया गया अविश्वास प्रस्ताव बहुमत से पारित हो गया है। इसे पेश करने के दौरान हालांकि संसद में हिंसा का सहारा लिया गया और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। सरकार ने इस मतदान को अवैध ठहराते हुए इसे खारिज कर दिया। सरकार का कहना था कि अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए बुनियादी संसदीय प्रक्रिया भी नहीं अपनायी।
श्रीलंका में गत 26 अक्टूबर से ही राजनीतिक संकट आया हुआ है। उसी दिन राष्ट्रपति सिरीसेना ने आश्चर्यजनक ढंग से मंत्रिमंडल भंग कर दिया तथा विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री पद से हटाकर पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को नया प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया। साथ ही, उन्होंने नयी कार्यवाहक सरकार का भी गठन कर दिया था।
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