कोरोना महामारी से लड़ने के लिए व्यापक पैमाने पर टीकाकरण अभियान की शुरुआत करने के बावजूद साल 2021 के लिए भारत का सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी का स्तर साल 2019 के स्तर से नीचे रहने की आशंका है।
एशिया प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (यूएनईएससीएपी) ने मंगलवार, 30 मार्च 2021 को एक रिपोर्ट जारी की है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कोरोना महामारी के शुरू होने से पहले ही जीडीपी और निवेश धीमा पड़ चुका था।
रिपोर्ट के अनुसार कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए पूर्ण लॉकडाउन के कारण 2020 की दूसरी तिमाही (अप्रैल से जून 2020) में आर्थिक बाधाएं अपने चरम पर थीं।
लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटना शुरू हुई लेकिन सालाना आधार पर शून्य के क़रीब आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान के साथ चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था की गति हल्की पड़ गई।
एशिया प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग की रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर के सात फीसद रहने का अनुमान है जबकि इससे पहले के साल में यानी 2020-21 में कोरोना महामारी और उसके असर के कारण इसमें 7.7 फीसदी से अधिक के गिरावट होने का अनुमान है।
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