पिछले साल आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट में शामिल हुआ केरल का एक युवक हफीजुद्दीन शुक्रवार को अफगानिस्तान में हुए ड्रोन अटैक में मारा गया। इस बात की जानकारी खुद उसके परिवार ने दी है।
सूत्रों के अनुसार, केरल के कारसगोड जिले स्थित पडने गांव में 24 साल के हफीजुद्दीन की मां को अन्य आईएस लड़ाके के जरिए मौत की सूचना मिली। हफीसुद्दीन टी. कोलेथ उन 21 लोगों में शामिल था जो 2016 में भारत छोड़कर इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए चले गए थे।
उत्तर केरल से आईएस में शामिल होने गया अशफाक माजिद ने टेलिग्राम ऐप के जरिए हफीज के परिवार को भेजे संदेश में कहा, ''हफीस की कल ड्रोन हमले में मौत हो गई। हम उन्हें शहीद मानते हैं, अल्लाह इस बारे में बेहतर जानता है।''
मिली खबर के मुताबिक, हफीसुद्दीन को अफगानिस्तान में ही दफना दिया गया है। कासरगोड में आईएस के नेटवर्क की पड़ताल करने में जुटी राष्ट्रीय जांच एजेंसी को भी इस बात की जानकारी मिली है। हफीजुद्दीन 2014 में गांव आने से पहले खाड़ी देशों में रहकर आया था।
कहा जा रहा है कि उसे कोझीकोड स्थित पीस इंटरनैशनल स्कूल में काम करने वाले अबुल राशीद अब्दुल्ला ने कट्टरता की ओर धकेलने का काम किया था। आईएस में शामिल होने वाला यह ग्रुप जून, 2016 में आईएस के कब्जे वाले अफगानिस्तान के नानगरहर सूबे में चला गया था।
एनआईए ने अपनी जांच में पाया था कि एनआईटी कैलिकट से ग्रैजुएट हुए शाजीर अब्दुल्ला केरल में आईएस के मॉड्यूल को नियंत्रित कर रहा था। हालांकि अभी यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि हफीज उसी इलाके में था या फिर वह किसी अन्य इलाके में आईएस की गतिविधियों में शामिल था। अशफाक से मिले टेलिग्राम मेसेज में कहा गया है, ''ग्रुप के अन्य सदस्य भी अपनी शहादत देने के लिए तैयार हैं।''
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