संयुक्त राष्ट्र की लेबर एजेंसी इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन ने कोविड-19 के समय में श्रम कानून के निलंबन और श्रमिकों के अधिकारों के हनन को लेकर भारत को चेताया है।
भारत के तीन प्रांतों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात ने श्रम कानूनों को निलंबित कर दिया है। इन तीनों प्रांतों में भारत के केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी का शासन है। उत्तर प्रदेश ने तीन साल के लिए श्रम कानूनों को निलंबित कर दिया है जबकि गुजरात में भी श्रम कानूनों को निलंबित किया जा रहा है। बीते अप्रैल महीने में ही गुजरात की फैक्ट्रियों में काम करने के घंटे को बढ़ाकर 12 घंटे रोज़ाना कर दिया गया है।
समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक अब तक छह राज्यों से इस तरह की ख़बरें सामने आयी हैं। कहा जा रहा है कि ये राज्य अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए ये कदम उठा रहे हैं। इनमें से ज़्यादातर वे राज्य हैं जहाँ केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी की सरकारें हैं।
लेकिन इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन ने कहा है कि इस तरह का कोई भी कदम सरकार, श्रमिकों और नियोक्ताओं के बीच बातचीत के बाद ही लिया जा सकता है। ऐसा किए बिना श्रम क़ानून में किसी तरह का बदलाव अंतरराष्ट्रीय श्रम मानकों का उल्लंघन होगा।
(आईबीटीएन के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)
शेयरिंग के बारे में
डच पैरेंट कंपनी ने 'रूस का गूगल' कहे जाने वाले यांडेक्स की रूसी इकाई को बेच...
भारतीय अर्थव्यवस्था साल 2024 में 6.2 फीसदी की रफ़्तार से बढ़ सकती है: संयुक्त राष्ट...
साल 2023 में दुबई में जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखकर आयोजित हुए सीओपी28 में दुनिया के 19...
म्यांमार ने अफीम के उत्पादन में अफ़ग़ानिस्तान को पीछे छोड़ पहले स्थान पर पहुंचा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार, 8 सितम्बर 2023 को ब्रसेल्स में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस क...