कुलभूषण की फांसी पर इंटरनेशनल कोर्ट ने लगाई रोक

 10 May 2017 ( न्यूज़ ब्यूरो )
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भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में फांसी की सज़ा सुनाए जाने के मामले में भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया है।

भारतीय समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने इस मामले में पाकिस्तान से ये सुनिश्चित करने को कहा है कि कुलभूषण सुधीर जाधव को सभी विकल्पों पर विचार करने से पहले फांसी न दी जाए। हालांकि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की तरफ़ से इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।

पाकिस्तान की मीडिया में भी कहा जा रहा है कि भारतीय मीडिया कुलभूषण जाधव की फांसी रोके जाने की ख़बर को ग़लत रिपोर्ट कर रही है।

पाकिस्तान सरकार की तरफ़ से भी इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ज़रूर ट्वीट कर कहा है कि उन्होंने आईसीजे के प्रेसिडेंट के ऑर्डर के बारे में कुलदीप जाधव की मां को जानकारी दी है।

भारतीय अख़बार 'द हिंदू' ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के प्रेसिडेंट रॉन अब्राहम के हवाले से लिखा है कि उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ को निर्देश दिया है कि वो भारत की अपील पर गौर करें और जब तक न्यायालय मामले पर सुनवाई नहीं कर लेता और आदेश पारित नहीं कर देता, तब तक कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक रहेगी।

पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने के मामले में फांसी की सज़ा सुनाई है।

कुलभूषण जाधव अभी भी पाकिस्तान की जेल में बंद हैं।

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की तरफ़ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में कहा कि फांसी के ख़िलाफ़ अपील करने के लिए बहुत कम समय है और पाकिस्तान में सभी विकल्प पर विचार करने के लिए भी समय नहीं है।

भारत ने 15 से ज़्यादा बार कुलभूषण जाधव को क़ानूनी मदद देने के लिए कॉन्सुलर एक्सेस की मांग की है, लेकिन पाकिस्तान ने अभी तक इसकी मंज़ूरी नहीं दी है।

कुलभूषण जाधव की मां भी पाकिस्तान से कुलभूषण की सज़ा पर फिर से विचार करने की अपील कर चुकी हैं।

जाधव की मां ने पाकिस्तान सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया था। इसके साथ ही उन्होंने अपने बेटे से मिलने की इच्छा जताई थी।

भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा है कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भारत की अपील और आईसीजे के प्रेसिडेंट के ऑर्डर के बारे में कुलभूषण जाधव की मां को जानकारी दी है।

उन्होंने ये भी कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे अदालत में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में अपनी अपील में कहा था कि कुलभूषण जाधव को ईरान में अगवा किया गया था जहां वो भारतीय नौसेना से रिटायर होने के बाद व्यापार कर रहे थे।

भारत ने इस अपील में कहा है कि उसे कुलभूषण को फांसी की सज़ा सुनाने के बारे में जानकारी प्रेस रिलीज़ से मिली थी।

वहीं पाकिस्तान ने पिछले साल तीन मार्च को बलूचिस्तान से उनकी गिरफ्तारी दिखाई है और इसके बारे में भारत को 25 मार्च 2016 को इस बारे में आधिकारिक जानकारी दी गई।

भारत ने उसी वक्त कॉन्सुलर एक्सेस की मांग की थी, लेकिन पाकिस्तान ने इनकार कर दिया था।

वहीं भारत ने अदालत को बताया है कि 23 जनवरी 2017 को पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के कथित तौर पर पाकिस्तान में जासूसी और चरमपंथी गतिविधियों में शामिल होने के मामले की जांच में मदद मांगी थी और कहा था कि कॉन्सुलर एक्सेस की मांग पर विचार करते हुए भारत की प्रतिक्रिया को ध्यान में रखा जाएगा।

भारत का दावा है कि जांच में मदद मांगने को कॉन्सुलर एक्सेस की मांग से जोड़ना विएना कन्वेशन के ख़िलाफ़ है।

अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारत ने अपील की है कि सैन्य अदालत ने जो सज़ा सुनाई है उसपर पाकिस्तान अमल न करे और सैन्य अदालत के फ़ैसले को निरस्त करने के लिए पाकिस्तान के कानून के मुताबिक क़दम उठाए।

 

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