इंफोसिस की मुश्किलें बढ़ीं, अब अमेरिका में जांच शुरू

 19 Aug 2017 ( न्यूज़ ब्यूरो )
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अमेरिका की चार कानून कंपनियों ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी इंफोसिस के खिलाफ जांच शुरू की है। उन्होंने इंफोसिस के निवेशकों की तरफ से इन संभावित दावों की जांच शुरू की है कि क्या कंपनी या उसके अधिकारियों एवं निदेशकों ने संघीय सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया है?

यह जांच ऐसे समय में शुरू हुई है जब इंफोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विशाल सिक्का ने कंपनी संचालन में गड़बड़ी के आरोप लगाये जाने के कारण एक दिन पहले ही अपने पद से इस्तीफा दिया है।

जांच शुरू करने वाली कानून कंपनियां ब्रोंसटाइन, गेविर्ज एंड ग्रॉसमैन, रोसेन लॉ फर्म, पोमेरांत्ज लॉ फर्म और गोल्डबर्ग लॉ पीसी हैं।

रोसेन ने एक बयान में बताया कि वह इंफोसिस के शेयरधारकों की ओर से संभावित सुरक्षा दावों की जांच कर रही है। आरोप है कि इंफोसिस ने निवेशकों को गलत कारोबारी सूचनाएं दी थी।

बता दें कि वैश्विक सॉफ्टवेयर कंपनी इन्फोसिस ने शनिवार को 11.3 करोड़ शेयरों के बायबैक का ऐलान किया है जो 5 रुपये के फेस वैल्यू पर 1,150 रुपये प्रति शेयर के भाव पर किया जाएगा।

इन्फोसिस ने बंबई स्टॉक एक्सचेंज में दाखिल नियामकीय रिपोर्ट में कहा, ''निदेशक मंडल ने शेयरधारकों से 1,150 रुपये प्रतिशेयर के हिसाब से पांच रुपये के फेस वैल्यू के 11.3 करोड़ शेयर के बायबैक प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जो 13,000 करोड़ रुपये का होगा।''

यह ऑफर कुल प्रदत्त पूंजी और फ्री रिजर्व का 20.1 फीसदी है, जो 11.3 करोड़ शेयर या कुल शेयरों का 4.92 फीसदी है। इन्फोसिस ने अपने शेयरों का बायबैक कीमत 1,150 रुपये निश्चित किया है, जो शुक्रवार को सिक्का के इस्तीफा देने के बाद गिरकर 923.10 प्रति शेयर पर बंद हुआ था। सीईओ के इस्तीफा के बाद इंफोसिस के शेयर 9.6 फीसदी गिरे थे।

कंपनी ने 16 अगस्त को अपने शेयरों को कारोबार के लिए बंद कर दिया था, क्योंकि बोर्ड की बैठक में बायबैक पर फैसला किया जाना था। अब इन्फोसिस के शेयर 22 अगस्त को खुलेंगे।

बायबैक ऑफर में शेयर हस्तांतरण कर, जीएसटी, स्टैंप शुल्क, फाइलिंग शुल्क, एडवाइजर्स शुल्क, ब्रोकरेज, सार्वजनिक घोषणा का खर्च, प्रिटिंग और भेजने का खर्च समेत अन्य खर्च शामिल नहीं हैं। इस बायबैक प्राइस में पिछले तीन महीनों के औसत बाजार मूल्य के साथ 19 फीसदी प्रीमियम दिया गया है।

नियामकीय रिपोर्ट में कंपनी ने कहा, ''यह बायबैक शेयरधारकों की मंजूरी के अधीन है, जिस पर जल्द ही वोटिंग के माध्यम से फैसला किया जाएगा।''

बोर्ड ने एक बायबैक समिति का गठन किया है जिसमें सह-अध्यक्ष रवि वेंकटेशन, विशाल सिक्का, अंतरिम सीईओ यू बी प्रवीण राव, मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) एम. डी. रंगनाथ, उप सीएफओ जयेश संघराजका, परामर्शदाता इंद्रप्रीत साहनी और कंपनी सचिव ए जी एस मणिकांथा शामिल हैं।

 

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