बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल मोमेन ने कहा है कि भारतीय नागरिक बांग्लादेश में अच्छी अर्थव्यवस्था और मुफ़्त में भोजन के लिए आ रहे हैं।
मोमेन ने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर और मधुर हैं।
मोमेन ने कहा, ''भारत के लोग बांग्लादेश इसलिए आ रहे हैं क्योंकि हमारी स्थति बहुत अच्छी है। हमारी अर्थव्यवस्था की स्थिति मज़बूत है। जो यहां आ रहे हैं उन्हें नौकरी मिल रही है। हाशिए के लोगों को यहां मुफ़्त में भोजन मिलता है।''
मोमेन ने कहा कि जो भारतीय बांग्लादेश में अवैध रूप से रह रहे हैं उन्हें वापस भेजा जाएगा। बांग्लादेश के विदेश मंत्री से पत्रकारों ने सवाल पूछा था कि भारतीय बांग्लादेश में घुस रहे हैं।
मोमेन ने कहा, ''भारतीय इन्हीं वजहों बांग्लादेश के लिए आकर्षित हो रहे हैं। भारत की तुलना में हमारी अर्थव्यवस्था में ज़्यादा अच्छी है। भारतीयों को नौकरियां नहीं मिल रही हैं इसीलिए वो बांग्लादेश आ रहे हैं। कुछ बिचौलिए भारत के ग़रीबों को समझाते हैं कि बांग्लादेश में भारत के ग़रीबों को मुफ़्त में भोजन मिलेगा।''
बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने कहा, ''मैंने भारत से कहा है कि अगर कोई भी बांग्लादेशी अवैध रूप से वहां रह रहा है तो बताएं हम वापस बुलाएंगे।''
मोमेन ने ढाका में रविवार को भारतीय उच्चायुक्त के साथ बैठक की और द्विपक्षीय मुद्दों पर बात की।
उन्होंने भारतीय उच्चायुक्त से एनआरसी पर भी बात की। मोमेन से बांग्लादेश और भारत के संबंधों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ''हमारे संबंध बहुत मधुर हैं। ऐसे में निराशा की कोई बात नहीं है। बांग्लादेश के नागरिकों को अपने मुल्क लौटने का अधिकार है।''
मोमेन ने भारत दौरे को रद्द करने को लेकर पूछे गए सवाल पर कोई भी टिप्प्णी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने भारत के नए नागरिकता क़ानून पर भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
मोमेन ने यह भी कहा कि उनके भारत नहीं आने से दोनों देशों के संबंधों पर असर नहीं पड़ेगा।
मोमेन ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के आरोप पर कहा, ''बांग्लादेश में हमारी सरकार में अल्पसंख्यकों का कोई उत्पीड़न नहीं हुआ। हां, ये सही है कि सैन्य शासन और अन्य सरकारों के कार्यकाल में अल्पसंख्यकों का छोटे स्तर पर उत्पीड़न हुआ है। 2001 में अल्पसंख्यकों के साथ हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं का भी उत्पीड़न हुआ है।''
विदेश मंत्री मोमेन ने यह भी कहा कि भारत की कुछ राजनीतिक पार्टियां अपने हित के लिए एनआरसी में बांग्लादेश का नाम ले रही हैं।
भारत में एनआरसी और नए नागरिकता क़ानून का मुद्दा बांग्लादेश की विपक्षी पार्टी बीएनपी भी उठा रही है। बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनल पार्टी के महासचिव मिर्ज़ा फ़खरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा है कि भारत के असम राज्य में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिज़न (एनआरसी) से बांग्लादेश की आज़ादी और संप्रभुता को ख़तरा है।
यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ बांग्लादेश के अनुसार बीएनपी नेता ने ये बात पत्रकारों से मीरपुर में एक कार्यक्रम में कही है।
इस्लाम आलमगीर ने कहा, ''हमलोग शुरू से कह रहे हैं कि भारत में एनआरसी को लेकर चिंतित हैं। हमलोग को लगता है कि भारत में एनआरसी से बांग्लादेश की आज़ादी और संप्रभुता ख़तरे में है।'' आलमगीर के साथ पार्टी के और कई बड़े नेता मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि एनआरसी सिर्फ़ बांग्लादेश नहीं बल्कि पूरे उपमहाद्वीप को अस्थिर कर देगा। आलमगीर ने कहा, "एनआरसी इस उपमहाद्वीप में संघर्ष और हिंसा को बढ़ावा देगा।''
वरिष्ठ बीएनपी नेता ने कहा कि एनआरसी का प्रमुख मक़सद उदारवादी और धर्मनिरपेक्ष राजनीति को नष्ट करके सांप्रदायिक राजनीति को स्थापित करना है। आलमगीर ने कहा कि उनकी पार्टी अध्यक्ष ख़ालिदा ज़िया को मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने 'प्रताड़ित' किया था।
बीएनपी नेता ने एनआरसी का ज़िक्र करते हुए बांग्लादेश की मौजूदा हसीना सरकार पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा, "मौजूदा सरकार ने लोकतंत्र के ख़ात्मे के साथ ही बांग्लादेश के स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों और मुक्तिसंग्राम की मूल भावना को नष्ट कर दिया है। सरकार ने देश के तौर पर हमारी सभी उपलब्धियों को भी ख़त्म कर दिया है। हमने अपना लोकतंत्र और अपने अधिकार गंवा दिए हैं।''
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