भारत सरकार ने पाकिस्तान की ओर जाने वाले 'हमारे हिस्से के पानी' को रोकने और पूर्वी नदियों की धारा जम्मू-कश्मीर और पंजाब की ओर मोड़ने का फैसला किया। भारत के केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी। यह निर्णय ऐसे समय में आया है, जब कुछ ही दिन पहले पुलवामा में आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
गडकरी ने ट्वीट किया, ''प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने पाकिस्तान की ओर जाने वाले 'हमारे हिस्से के पानी' को रोकने का निर्णय किया है। हम पूर्वी नदियों की धारा का मार्ग परिवर्तित करेंगे और जम्मू-कश्मीर और पंजाब में अपने लोगों को पहुंचायेंगे।'' भारत सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि रावी, व्यास और सतलुज नदियों से पाकिस्तान जाने वाले जल को जम्मू-कश्मीर और पंजाब की ओर मोड़ा जाएगा।
एक अन्य ट्वीट में गडकरी ने कहा, ''रावी नदी पर शाहपुर-कांडी बांध का निर्माण शुरू हो गया है। इसके अलावा यूजेएच परियोजना के जरिये जम्मू-कश्मीर में उपयोग के लिये 'हमारे हिस्से के पानी' का भंडारण होगा और शेष पानी दूसरी रावी व्यास लिंक के जरिये अन्य राज्यों के बेसिन में प्रवाहित होगा।'' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इन सभी परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जा चुका है।
गौरतलब है कि बीते 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के एक काफिले पर हुए फिदायीन आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी, जिसका मुखिया मसूद अजहर है।
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