अमेरिका के एक विशेषज्ञ ने कहा है कि सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में भारत तथा चीन के बीच का सीमा विवाद दोनों देशों के बीच युद्ध का कारण बन सकता है। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत-चीन के बीच मौजूदा गतिरोध युद्ध का कारण बन सकता है, अमेरिकन फॉरेन पॉलिसी काउंसिल के जेफ एम स्मिथ ने न्यूयॉर्क टाइम्स से कहा, ''हां, मुझे लगता है और मैं यह हल्के-फुल्के अंदाज में नहीं कह रहा हूं।''
सीमा से संबंधित मुद्दों के कारण सन् 1962 के युद्ध की ओर इशारा करते हुए स्मिथ ने कहा, ''दोनों पक्षों ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है, जिससे वापस लौटना मुश्किल है।'' डोकलाम में चीन, भारत तथा भूटान, तीनों देशों की सीमाएं आकर मिलती हैं और इसका तीनों देशों के लिए रणनीतिक महत्व है।
भारतीय सेना ने जून में चीनी सैनिकों द्वारा इस इलाके में सड़क निर्माण पर रोक लगा दी थी, जिसके कारण दोनों देशों के सैनिकों के बीच ठन गई थी। डोकलाम में दोनों देशों के सैनिकों के बीच गतिरोध का यह दूसरा महीना है।
चीन ने बार-बार भारत से डोकलाम से अपने सैनिकों को वापस बुलाने के लिए कहा है। डोकलाम को चीन अपना भूभाग मानता है। भारत ने कहा है कि दोनों देशों के सैनिकों को उस जगह से हटना चाहिए, क्योंकि यह उसके सहयोगी देश भूटान का हिस्सा है। भूटान का चीन के साथ कोई कूटनीतिक संबंध नहीं है। उसने भी डोकलाम में चीन द्वारा सड़क निर्माण का विरोध किया है।
बता दें कि सिक्किम सेक्टर में गतिरोध के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने गुरुवार को ब्रिक्स के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की बैठक से इतर अपने चीनी समकक्ष एवं स्टेट काउंसिलर यांग जेची से बातचीत की। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, यांग ने दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और भारत के वरिष्ठ सुरक्षा प्रतिनिधियों के साथ अलग से मुलाकात की।
खबर में कहा गया है कि यांग ने तीनों वरिष्ठ सुरक्षा प्रतिनिधियों के साथ द्विपक्षीय संबंधों, अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों तथा बहुपक्षीय मामलों पर चर्चा की और द्विपक्षीय मुद्दों एवं बड़ी समस्याओं पर चीन के रूख पेश किया। डोभाल और यांग भारत-चीन सीमा व्यवस्था के विशेष प्रतिनिधि हैं।
डोभाल ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की दो दिवसीय बैठक में भाग लेने के लिए कल चीन पहुंचे। उनकी यात्रा से सिक्किम क्षेत्र के डोकलाम इलाके में एक महीने से चल रहे गतिरोध को लेकर भारत और चीन के बीच समाधान निकलने की संभावना बढ़ गई है। डोभाल और यांग दोनों भारत-चीन सीमा तंत्र के विशेष प्रतिनिधि हैं।
आधिकारिक कार्यक्रम के अनुसार, डोभाल ब्रिक्स देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ कल चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात करेंगे।
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