अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने सोमवार, 26 सितम्बर 2022 को कहा कि भारत और पाकिस्तान, दोनों देश उनके पार्टनर हैं और दोनों का अपना-अपना महत्व है।
अमेरिका का ये बयान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के दौरे के एक दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों में सुरक्षा मदद देने के अमेरिकी फ़ैसले पर सवाल उठाए थे।
अमेरिका ने दलील दी थी कि पाकिस्तान को ये मदद आतंकवाद से लड़ाई के लिए दी जा रही है, जिसके जवाब में एस जयशंकर ने कहा था कि सबको पता है कि कहां और किसके ख़िलाफ़ एफ़-16 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल होता है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, ''भारत और पाकिस्तान से हमारे संबंध अलग-अलग हैं। हम एक देश के साथ अपने संबंधों को दूसरे से जोड़कर नहीं देखते। दोनों हमारे पार्टनर हैं और उनका अपना महत्व है।''
सितम्बर 2022 की शुरुआत में अमेरिका ने पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों के रखरखाव के लिए 45 करोड़ डॉलर की मदद का वादा किया था। ऐसा करके बाइडन प्रशासन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को पलट दिया।
ट्रंप प्रशासन ने तालिबान और हक्कानी नेटवर्क की मदद के आरोपों की वजह से पाकिस्तान को किसी भी तरह की सैन्य सहायता देने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
प्राइस ने कहा, "हम चाहते हैं कि इन पड़ोसी मुल्कों के संबंध एक-दूसरे से जितना संभव हो सके बेहतर हों।''
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में हिंसा और अस्थिरता पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के लिए ठीक नहीं है।
नेड प्राइस ने बताया कि अमेरिका ने बाढ़ प्रभावित पाकिस्तान की मदद के लिए लाखों डॉलर दिए हैं।
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