पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर की असेंबली के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए कहा है कि जम्मू कश्मीर में 370 ख़त्म करके नरेंद्र मोदी ने अपना आख़िरी कार्ड खेला है और ये उसी तरह है जैसे हिटलर ने यहूदियों के लिए फ़ाइनल सॉल्यूशन बनाया था।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत अब पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में कुछ करने की तैयारी में है और जंग हुई तो उसके लिए पाकिस्तान पूरी तरह तैयार है। उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेते हुए सीधे कहा- आपकी ईंट का जवाब पत्थर से देंगे।
इमऱान ने कहा कि 'नरेंद्र मोदी ने जो आख़िरी कार्ड खेला है, इसके बाद कश्मीर आज़ादी की ओर जाएगा।'
पाकिस्तान के पीएम ने अपने भाषण में कई बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नाम लिया और कहा कि भारत में जो भी हो रहा है वह आरएसएस की विचारधारा के कारण ही हो रहा है। उन्होंने आरएसएस की विचारधारा को हिटलर की नाज़ी पार्टी के समान बताया।
इस बार पाकिस्तान अपने स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को 'कश्मीर एकजुटता दिवस' मना रहा है।
पाकिस्तान ने यह क़दम भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर राज्य को मिला विशेष दर्जा छीनने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के विरोध में उठाया है।
बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर की राजधानी मुज़फ़्फ़राबाद पहुंचे।
पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के राष्ट्रपति सरदार मसूद ख़ान और प्रधानमंत्री राजा फ़ारूक़ हैदर ने उनकी अगवानी की। उन्हें गार्ड ऑफ़ ऑनर भी दिया गया।
इमरान ख़ान ने पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर की असेंबली को संबोधित करते हुए कहा, ''जो आरएसएस की विचारधारा है, जिसके नरेंद्र मोदी बचपन से सदस्य हैं। इस आरएसएस ने अपनी प्रेरणा हिटलर की नाज़ी पार्टी से ली थी। ये नस्लीय श्रेष्ठता मानते थे कि हिंदू प्रजाति श्रेष्ठ है। वे समझते थे कि मुसलमानों ने हमारे ऊपर जो हुक़ूमत की है, अब इनसे बदला लेना है।''
इमरान ख़ान ने कहा कि यह विचारधारा न सिर्फ़ मुसलमानों से नहीं, ईसाइयों से भी नफ़रत करती है। आरएसएस ने अपने लोगों के ज़हन में डाला है कि अगर मुसलमान हमारे ऊपर 600 साल हुक़ूमत न करते तो वो शानदार देश बनते।
नरेंद्र मोदी पर आक्रामक होते हुए इमरान ख़ान ने कहा कि इस विचारधारा ने महात्मा गांधी को कत्ल किया। इसी विचारधारा ने आगे चलकर मुसलमानों का क़त्ल-ए-आम किया।
''पिछले पांच सालों में जो कश्मीर में ज़ुल्म किए गए, इसी विचारधारा के कारण किए गए। यह नरेंद्र मोदी ने जो कार्ड खेला है, यह उसका आखिरी कार्ड था। यह फ़ाइनल सल्यूशन है। हिटलर ने भी यहूदियों के लिए फ़ाइनल सॉल्यूशन बनाया था।''
''मोदी ने आख़िरी कार्ड खेल दिया है, रणनीतिक ब्लंडर कर दिया है मोदी ने। यह मोदी और बीजेपी को बहुत भारी पड़ेगा। क्योंकि सबसे पहले कश्मीर का इन्होंने अंतरराष्ट्रीयकरण कर दिया।''
इमरान खान ने कहा, ''पहले कश्मीर पर बात करना मुश्किल था। अब दुनिया की नज़र कश्मीर पर है, हमारे ऊपर है कि हम इसे कैसे अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाते हैं। मैं आपकी संसद के सामने जिम्मेदारी लेता हूं कि मैं कश्मीर की दुनिया में आवाज उठाने वाला एंबैसडर हूं।''
इतिहास को देखें तो दुनिया में बीमार दिमाग़ और बिना तहज़ीब वाले लोगों ने क़त्लेआम मचाया है। लोगों को अंदाज़ा नहीं है कि ये वैसी विचारधारा है। दुनिया के लोग सोचते हैं कि ये कर्म और निर्वाण वाला देश है। वे हमें दहशतगर्द कहते थे, मगर भारत को सहिष्णु माना जाता था। लेकिन इस विचारधारा का नुक़सान अगर किसी को होगा तो सबसे ज़्यादा हिंदुस्तान को होगा।
इन्होंने हिंदुस्तान के संविधान को रद्द कर दिया। 370 हमारा मामला तो था ही नहीं। वे जम्मू और कश्मीर हाई कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ गए, सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ चले गए। देश जंगों से तबाह नहीं होती, रूल ऑफ़ लॉ ख़त्म होने से तबाह होते हैं। जज वहां डरे हैं, मीडिया को कंट्रोल किया है, विपक्ष के नेताओं के भाषण देखें तो लगता है कि डरकर भाषण दे रहे हैं। ऐसा नाज़ी जर्मनी में हुआ करता था। उनकी विचारधारा के ख़िलाफ़ बोलने वालों को गद्दार कहा जाता था। उसे मार दिया जाता था या भगा दिया जाता था। भारत में भी मुसलमान कुछ कहे तो उसे पाकिस्तान जाने के लिए कहा जाता है। बुद्धिजीवी भी डरते हैं।
ये भारत को तबाही की ओर ले जा रहे हैं. भारत में 18 से 19 करोड़ मुसलमान हैं। ये कम संख्या नहीं है। इनके साथ जब ऐसा किया जाता रहेगा, उन्हें डराया जाएगा, उनके अधिकार खत्म किए जाएंगे तो उनकी प्रतिक्रिया आएगी ही। इंग्लैंड में देखें तो मेनचेस्टर और बर्मिंघम में जिन लोगों को दबाया जाता रहा, वे कट्टरपंथी हो गए। हिंदुस्तान में भी ऐसा ही हो रहा है।
हिंदुस्तान में जब क्रिकेट खेलने जाता था तो खाते-पीते घरों के मुसलमान कहते थे कि टू नेशन थ्योरी ठीक नहीं थे। आज सभी कहते हैं कि जिन्ना ठीक थे। कश्मीर के जो भारत समर्थक नेता थे, वे भी आज ऐसा कह रहे हैं। मैंने फ़ारूक़ अब्दुल्लाह को सुना।
ये जो आरएसएस का जिन्न बोतल से बाहर आया है, ये वापस नहीं जाएगा। यह आगे बढ़ेगा। अब सिखों पर मुश्किल आएगी, दलितों पर आएगी। ईसाइयों पर आ चुकी है और मुसलमानों को तो निशाना बनाया ही जा रहा है।
नफ़रत से भरा यह नज़रिया कश्मीर तक नहीं रुकेगा, पाकिस्तान की ओर आएगा। हमें जानकारी है इन्होंने आज़ाद कश्मीर में एक्शन लेने का प्लान बनाया है, जैसे पुलवामा के बाद इन्होंने किया था। हमारी दो बार नैशनल सिक्यॉरिटी मीटिंग भी हो चुकी है।
इस बार और ज़्यादा ख़ौफ़नाक प्लान बनाया हुआ है। कश्मीर में जो कर रहे हैं, उससे नज़र हटाने के लिए वे अब आज़ाद कश्मीर में एक्शन लेंगे। इसके लिए मैं आज यहां से मोदी को पैगाम देता हूं- आप एक्शन लें, आपकी ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा।
पाकिस्तान की फौज को युद्ध का कड़ा अनुभव है। 20 सालों से शहीदों की लाशें उठा रही है। पाकिस्तान की फ़ौज और क़ौम भी तैयार है। फ़ौज के साथ क़ौम भी लड़ेगी। फिर से मोदी से कह दूं- आप भी करेंगे, हम मुकाबला करेंगे। आख़िर तक जाएंगे। हम अल्लाह के अलावा किसी और के सामने नहीं झुकते।
मोदी ने अपने भाषण में कहा- 370 को ख़त्म करके खुशहाली लाएंगे। हिटलर ने जब रूस पर अटैक किया था तो कहा था- मैं तुम्हें कम्यूनिज़्म से आज़ाद कर रहा हूं। आरएसएस ने नाज़ी पार्टी से सीखा था कि अगर थोड़े से लोग संगठित हो जाएं और उनका नज़रिया तगड़ा हो वो पूरी क़ौम पर कब्ज़ा कर सकते हैं। जो हरकतें बीजेपी हिंदुस्तान में कर रही है, वही नाज़ी पार्टी ने किया था। जब किसी क़ौम पर तबाही आती है तो उसके नेता पर घमंड छा जाता है। यही हिटलर के साथ हुआ था।
जंग मसले का हल नहीं होता। जंग से एक मसला हल करने जाते हैं तो तीन और पैदा हो जाते हैं। मगर यह नरेंद्र मोदी का मिसकैलकुलेशन है।
पाकिस्तान पूरी तरह तैयार है। हमने फ़ैसला किया है कि अगर इन्होंने कुछ उल्लंघन किया, जिसकी इन्होंने तैयारी भी की है तो हम भी तैयार हैं। और फिर जो जंग होगी, हम पूरी दुनिया को बता दें, उसके लिए आप ज़िम्मेदार होंगे।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठन इसीलिए बने थे कि युद्ध न हों। ये उन सभी का इम्तिहान है। इसके सदस्य क्या सिक्यॉरिटी काउंसिल के 11 प्रस्तावों के पक्ष में खड़े होंगे? आपने कश्मीर के लोगों को जो आत्मनिर्णय का अधिकार दिया था, नरेंद्र मोदी ने उसे और दूसरे प्रस्तावों को उठाकर फेंका है।
हमने यूएन में याचिका डाली है। अंतरराष्ट्रीय अदालत में जाएंगे, दुनिया के हर मंच पर जाएंगे। हमने दुनिया भर में मौजूद पाकिस्तानी और कश्मीरी समुदाय को इकट्ठा किया है। कल लंदन में कश्मीर के लिए ऐतिहासिक संख्या में लोग बाहर निकलेंगे। अगले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा शुरू होगी तो इतने लोग आपको दिखेंगे जितने पहले कभी नहीं देखे होंगे।
जब उधर जो कर्फ़्यू लगाया है, वह हटेगा तो दुनिया को हम बताएंगे कि इस दौरान जो हुआ, उसके लिए आप ही ज़िम्मेदार हैं। एक आदमी ने जो वहां फ़ौजें भेजी हैं, वहां जुल्म के अलावा और क्या किया जा रहा होगा? इसलिए हमारे राजदूत दुनिया भर में सक्रिय हैं।
अल्लाह से उम्मीद करते हैं कि कश्मीर में जो हुआ है, नरेंद्र मोदी ने जो आख़िरी कार्ड खेला है, इसके बाद कश्मीर आज़ादी की ओर जाएगा। मैं जंग में यक़ीन नहीं रखता और मैंने पूरी कोशिश की क़रीबी बढ़ाने की। हिंदुस्तान और पाकिस्तान के हित एक जैसे ही तो हैं। ताल्लुक अच्छे होंगे तो ख़ुशहाली आएगी। क्लाइमेट चेंज और ट्रेड पर मिलकर काम कर सकते हैं। कश्मीर मसले को बातचीत से हल सकते हैं। मगर विचारधारा के कारण इनका तो एक ही लक्ष्य है- पाकिस्तान को सबक सिखाना।
अगर क़ायद-ए-आज़म की सोच न होती तो हमारा मुल्क न होता और हम इसी तरह की रेसिस्ट और फ़ासिस्ट विचारधारा के बीच ग़ुलामी कर रहे होते। आज आज़ाद मुल्क में बैठकर हम क़ायद-ए-आज़म के लिए दुआ करते हैं।
ये मत सोचिए कि कश्मीर पर आपने कोई क़ानून पास कर दिया तो वहां के लोग हाथ खड़े कर देंगे। वे भी सख़्त हो चुके हैं। मौत का डर ख़त्म हो गया है उनसे। जिस तरह से वे निकले हैं, वैसे निडर क़ौम निकलती है जो ज़िंदगी से ऊपर क़ौम की ग़ैरत का ख़्याल रखती है। नरेंद्र मोदी आप इस क़ौम को ग़ुलाम नहीं बना सकेंगे। आपकी ईंट का जवाब पत्थर से देंगे। वक़्त आ गया है जब हम आपको सबक सिखाएंगे।
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