पाकिस्तान में आम चुनाव जीतने के बाद इमरान खान ने पहली बार देश को संबोधित किया। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान ने कहा कि हमारा भारत के साथ कारोबारी रिश्ते को बढ़ाने पर जोर रहेगा। उन्होंने कि अगर हमें क्षेत्र में गरीबी कम करनी है तो हमे एक-दूसरे से व्यापार बढ़ाना होगा।
इमरान खान ने पाकिस्तान से गरीबी हटाने, प्रधानमंत्री आवास समेत बड़े सरकारी परिसरों को जनता की भलाई के लिए दूसरे संस्थानों में तब्दील करने और किसानों के लिए काम करने का वादा किया।
उन्होंने कहा कि वह कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना के सपनों का पाकिस्तान बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अब मुझे मौका मिला है कि मैं वो काम करूं जो मैं 22 साल पहले करने निकला था। उन्होंने बताया कि मैं राजनीति में इसलिए आया था क्योंकि यह मुल्क ऊपर जाते समय नीचे आने लगा था। मैं चाहता हूं कि हमारा देश फिर से बड़ा बने।
इमरान ने कहा कि हमारी सरकार में सादगी होगी। यहां के चुने हुए नेता पैसा खुद पर खर्च करते हैं। टैक्स देने वाले लोगों के पैसे बेदर्दी से खर्च किए जाते हैं। देश के टैक्स के पैसे की मैं हिफाजत करूंगा। हमारी सरकार यह तय करेगी कि गवर्नर हाउस का क्या करना है। उसमें स्कूल चलाया जाएगा या फिर जनता के कुछ और काम के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। मैं एक छोटे से घर में रहूंगा।
इमरान ने कहा कि मैं ये साबित करके दिखाऊंगा कि मेरी सरकार किसी के खिलाफ नहीं है। जो कानून तोड़ेगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। जिम्मेदारी की शुरुआत मुझसे शुरू होगी। भ्रष्टाचार इस देश को खा रहा है। इसे खत्म करने के लिए कानून सबके लिए एक होगा।
इमरान ने कहा कि पाकिस्तान उस तरह का मुल्क बने जहां एक कमजोर के साथ वो खड़ा हो सके। उन्होंने कहा, हमारे 45 फीसदी बच्चे बीमार हैं। वो कुपोषण के शिकार हैं। हमारे देश की महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिलतीं। हम ऐसी योजना बनाना चाहते हैं जिससे यहां के लोगों का विकास हो सके। एक मुल्क की पहचान ये नहीं होती कि वहां के अमीर कैसे रहते हैं। उसकी पहचान ये होती है कि वहां के गरीब कितने खुश रहते हैं। मैं आज यह कहना चाहता हूं कि सारा पाकिस्तान एकजुट हो।
इमरान खान बोले, मैं बॉलीवुड विलेन नहीं, भारत से अच्छे रिश्ते चाहता हूं।
इमरान ने गहराते आर्थिक संकट पर बात की। उन्होंने कहा कि हमें पहले सरकार की हालत ठीक करनी है। फिर व्यापार का माहौल बनाना है। हम मौका देंगे कि बाहर रह रहे पाकिस्तानी यहां निवेश कर सकें।
इमरान ने कहा कि करीब 300 अरब डॉलर की पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था गंभीर संकट का सामना कर रही है। इस समय पाकिस्तान पर भारी भरकम कर्ज का बोझ है। आयात और निर्यात का संतुलन हद से ज्यादा खराब हो गया है। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान वित्तीय वर्ष के पहले 10 महीने में पाकिस्तान का चालू खाता घाटा 14.03 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। नई सरकार को एक बार फिर से 2013 की तरह आईएमएफ के पास जाना होगा। 2013 में आईएमएफ़ ने पाकिस्तान को 6.7 अरब डॉलर की आर्थिक मदद की थी। पाकिस्तान 1988 से अब तक 12 बार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की शरण में जा चुका है।
इमरान ने कहा कि हमारा देश दुनिया का दूसरा युवा देश है। हमारे सामने बेरोज़गारी की समस्या है। हम इसे हल करेंगे। हम पाकिस्तान को ऐसे चलाएंगे, जैसा पहले नहीं चलाया गया।
पीटीआई प्रमुख इमरान ने कहा कि विदेश नीति पर खास जोर होगा। हम चाहते हैं कि पड़ोसी देशों से हमारे रिश्ते अच्छे हों।
इमरान ने कहा कि चीन से हमें बहुत कुछ सीखना है। हमारी कोशिश होगी कि गरीबी मिटाने के लिए चीन के मॉडल की पहचान की जाए। चीन ने भ्रष्टाचार को खत्म किया, हम उनसे इस संदर्भ में सीखेंगे। इसके आलावा उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के लोगों ने दुनिया में सबसे ज्यादा तकलीफें झेली हैं। हमारी कोशिश होगी कि वहां अमन का माहौल बने। हम चाहते हैं कि ऐसी स्थिति हो कि हमारी सीमाएं दोनों देशों के लिए खुली हों।
इमरान ने कहा कि अमरीका के साथ हमारे रिश्ते बेहतर हों। हम ऐसा रिश्ता चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच संतुलन बन सके। इसके अलावा सऊदी अरब पर उन्होंने कहा कि सऊदी अरब हमारे साथ खड़ा रहता है। हम उसकी हर संभव मदद की कोशिश करेंगे।
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