चीन ने भारत के सैनिकों को मारने की हिम्मत कैसे की?

 17 Jun 2020 ( आई बी टी एन न्यूज़ ब्यूरो )
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भारत-चीन सीमा के गलवान वैली में मारे गए सैनिकों के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और 15 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने दो मिनट का मौन रखा।

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-चीन सीमा पर मारे गए सैनिकों के बारे में कहा है कि जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत शांति चाहता है लेकिन उकसाने पर जवाबी कार्रवाई करने में सक्षम है।

भारतीय सेना ने मारे गए अधिकारी-जवानों के नाम जारी किए। भारतीय सेना ने भारत-चीन सीमा पर तैनात 20 अधिकारियों-सैनिकों के नाम जारी कर दिए हैं। इसमें बिहार के पांच जवान शामिल हैं।

इस हिंसक झड़प में भारत के जो सैनिक मारे गए हैं, उनके नाम और रैंक इस तरह से हैं -

1. कर्नल बी. संतोष बाबू - हैदराबाद, तेलंगाना

2. नायक सुबेदार नुदुरम सोरेन - मयूरभंज, ओड़िसा

3. नायक सुबेदार मंदीप सिंह - पटियाला, पंजाब

4. नायक सुबेदार सतनाम सिंह - गुरदासपुर, पंजाब

5. हवलदार के पालानी - मदुरई, तमिलनाडु

6. हवलदार सुनील कुमार - पटना, बिहार

7. हवलदार बिपुल राय - मेरठ सिटी, उत्तर प्रदेश

8. नायक दीपक कुमार - रीवा, मध्य प्रदेश

9. सिपाही राजेश ओरांग - बीरभूम, पश्चिम बंगाल

10. सिपाही कुंदन कुमार ओझा - साहेबगंज, झारखण्ड

11. सिपाही गणेश राम - कांकेर, छत्तीसगढ़

12. सिपाही चंद्राकांता प्रधान - कंधमाल, ओड़िसा

13. सिपाही अंकुश - हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश

14. सिपाही गुरबिंदर - संगरुर, पंजाब

15. सिपाही गुरतेज सिंह - मनसा, पंजाब

16. सिपाही चंदन कुमार - भोजपुर, बिहार

17. सिपाही कुंदन कुमार - सहरसा, बिहार

18. सिपाही अमन कुमार - समस्तीपुर, बिहार

19. सिपाही जय किशोर सिंह - वैशाली, बिहार

20. सिपाही गणेश हंसदा - पूर्वी सिंहभूम, झारखण्ड

प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को बुलाई सर्वदलीय बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय से बताया गया है कि भारत-चीन सीमा की स्थिति पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री ने 19 जून को शाम पाँच बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख वीडियो कॉन्फ़्रेंस के ज़रिए हिस्सा लेंगे।

भारत-चीन तनाव: चीन ने कहा - हम ज़िम्मेदार नहीं, भारतीय सैनिकों ने प्रोटोकॉल तोड़ा

चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि गलवान घाटी में हुई घटना के लिए उन्हें ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, ''इसमें सही और ग़लत बिल्कुल साफ़ है। ये घटना एलएसी के चीन के तरफ़ वाले क्षेत्र में हुई और इसके लिए चीन को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।''

''गलवान घाटी की संप्रभुता हमेशा से चीन के पास रही है। भारतीय सैनिकों ने बॉर्डर प्रोटोकॉल और हमारे कमांडर स्तर की बातचीत में हुई सहमति का गंभीर उल्लंघन किया।''

प्रवक्ता ने साथ ही कहा कि चीन अब और संघर्ष नहीं चाहता।

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैनिक स्तरों पर बातचीत चल रही है।

सैनिकों की मौत पर बोले राजनाथ सिंह

भारत के केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत चीन सीमा पर मारे गए सैनिकों की बहादुरी और बलिदान को देश कभी नहीं भूलेगा। राष्ट्र सैनिकों के परिवार वालों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।

राजनाथ सिंह की बैठक

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टॉफ़ बिपिन रावत के अलावा तीनों सेना के प्रमुखों के साथ बैठक की है। भारत चीन सीमा पर हुई झड़प के बाद की स्थितियों को लेकर राजनाथ सिंह ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी बात की है।

ब्रिटिश उच्चायोग ने कहा बातचीत करें दोनों देश

ब्रिटिश उच्चायोग के प्रवक्ता ने भारत-चीन सीमा पर विवाद के बीच बयान दिया है कि दोनों देशों को बातचीत करनी चाहिए क्योंकि सीमा पर हिंसा किसी के हित में नहीं है।

शिव सेना ने पूछा पीएम से सवाल

शिव सेना के सांसद संजय राउत ने कहा है कि सीमा पर जो कुछ हुआ है उसके लिए आप जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी या फिर राहुल गांधी को ज़िम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं। हम सब 20 सैनिकों की मौत के ज़िम्मेदार हैं। प्रधानमंत्री जो भी फ़ैसला लेंगे सभी पार्टियों को उनका साथ देना चाहिए लेकिन उससे पहले उन्हें यह तो बताना चाहिए कि क्या ग़लत हुआ है।

क्यों चुप हैं पीएम? - राहुल गांधी

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15/16 जून की रात चीन और भारत की सेना के आमने-सामने के संघर्ष में भारतीय सेना के एक अधिकारी समेत 19 जवानों की मौत हुई है।

भारत और चीन की विवादित सीमा पर 45 साल बाद पहली बार किसी की जान गई है।

इस घटना के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करके प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है।

राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि आख़िर प्रधानमंत्री ख़ामोश क्यों हैं?

वे छिप क्यों रहे हैं?

बस अब बहुत हुआ। हमें यह जानने की ज़रूरत है कि आख़िर हुआ क्या है।

चीन ने हमारे सैनिकों को मारने की हिम्मत कैसे की?

हमारी जमीन लेने की उनकी हिम्मत कैसे हुई?

 

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