ग़ज़ा पट्टी की आधी आबादी भुखमरी की शिकार हो चुकी हैः संयुक्त राष्ट्र

 09 Dec 2023 ( न्यूज़ ब्यूरो )
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इसराइल-ग़ज़ा युद्धः इसराइल ने जहां फ़लस्तीनियों को जाने को कहा, वो जगह हीथ्रो से भी छोटी है

शनिवार, 9 दिसंबर 2023

ग़ज़ा में जारी संघर्ष के बीच इसराइली सेना ग़ज़ा के लोगों से लगातार एक मानवीय ज़ोन की तरफ़ जाने को कह रही है।

ग़ज़ा के बीस लाख लोगों को जिस इलाक़े में जाने के लिए कहा जा रहा है वो क्षेत्रफल में लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट से भी छोटा है।

जिस अल मवासी इलाक़े में जाने के लिए फ़लस्तीनी लोगों से कहा गया है वह भूमध्य सागर के किनारे ज़मीन की एक पतली पट्टी है। यहां गिनी-चुनी इमारतों के अलावा रेत के टीले और कृषि भूमि है।

इसराइल की सेना ने इसे सुरक्षित ज़ोन घोषित किया है। लेकिन इसका क्षेत्रफल मात्र 8.5 वर्ग-किलोमीटर है।

7 अक्तूबर 2023 को युद्ध शुरू होने के बाद से क़रीब 18 लाख फ़लस्तीनी लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है।

रीम अब्द राबु पिछले कुछ सप्ताह से अपने चार लोगों के परिवार के साथ इस इलाक़े में टेंट में रह रही हैं।

रीम अब्द राबु पहले उत्तरी ग़ज़ा से भागकर ख़ान यूनिस आईं थीं, लेकिन जब यहां आसपास के घरों पर बम गिरे तो वो ख़ान यूनिस से भी निकल गईं और उस जगह पर पहुंची जिसे इसराइल की सेना ने सुरक्षित बताया था।

बीबीसी से बात करते हुए रीम अब्द राबु ने कहा है कि अल मवासी इंसानों के रहने लायक इलाक़ा नहीं है।

रीम अब्द राबु को लगा था कि इस इलाक़े में कुछ सुरक्षा होगी, लेकिन जब वो यहां पहुंची तो पाया कि यहां मूलभूत सुविधायें भी नहीं हैं।

बीबीसी से बात करते हुए रीम अब्द राबु ने बताया, यहां एक दिन पानी आता है और अगले दस दिनों तक नहीं आता। बाथरूम में भी पानी नहीं है। यही हाल बिजली का है।

दो दिसंबर 2023 के बाद से आईडीएफ़ ने कम से कम पंद्रह बार लोगों से अल-मवासी इलाक़े में जाने की अपील सोशल मीडिया पर जारी की है।

ग़ज़ा के अधिकतर इलाक़ों में बिजली, पानी और कनेक्टिविटी नहीं है।

ग़ज़ा पट्टी की आधी आबादी भुखमरी की शिकार हो चुकी हैः संयुक्त राष्ट्र

शनिवार, 9 दिसंबर 2023

मानवीय सहायता से जुड़े संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि ग़ज़ा की आधी आबादी भुखमरी की शिकार हो गई है।

यूएन वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम के डिप्टी डायरेक्टर कार्ल स्काउ ने कहा कि फ़लस्तीनी क्षेत्र के 10 में से नौ लोगों को हर दिन भोजन नहीं मिल पा रहा है और आधी आबादी भुखमरी की शिकार है।

समाचार एजेंसी रायटर्स से कार्ल स्काउ ने कहा कि जितनी ज़रूरत है उसका महज मामूली हिस्सा ही ग़ज़ा में आ पा रहा है।

कार्ल स्काउ ने कहा कि ज़मीनी हालात इतने ख़राब हैं कि मानवीय सहायता पहुंचना लगभग असंभव हो गया है।

ख़ान यूनिस में नासिर अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि सैकड़ों मृत और घायल लोगों के पहुंचने से उनकी टीम ने हालात पर 'नियंत्रण खो' दिया है।

ग़ज़ा में घायलों और मरने वालों की भारी संख्या के बीच अस्पताल ने हाथ खड़े किए

शनिवार, 9 दिसंबर 2023

दक्षिणी ग़ज़ा में जारी भीषण युद्ध के बीच ख़ान यूनिस के नासिर अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि मृतकों और घायलों की संख्या इतनी अधिक है कि 'हालात पर नियंत्रण' ख़त्म हो गया है।

उनके मुताबिक, अस्पताल में क्षमता से कहीं अधिक संख्या में हताहत पहुंच रहे हैं।

अस्पताल के निदेशक नाहेद अबु तायमा ने बीबीसी को बताया कि ''सैकड़ों की संख्या में घायल और मृतक अस्पताल पहुंच रहे हैं। ख़ान यूनिस में इसराइल की लगातार बमबारी के बीच हम ज़मीन पर और अस्पताल के कॉरिडोर में घायलों का इलाज करने को बाध्य हो रहे हैं। हमारे पास मेडिकल सप्लाई भी कम है।''

इस बीच यूएन वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम के डिप्टी डायरेक्टर कार्ल स्काउ ने कहा कि फ़लस्तीनी क्षेत्र के 10 में से नौ लोगों को हर दिन भोजन नहीं मिल पा रहा है और आधी आबादी भुखमरी की शिकार है।

जबालिया कैंप में लोग कई दिनों से भूखे प्यासे हैं और वहां के हालात बेहद ख़राब हो गए हैं।

इस बीच इसराइली सेना के प्रवक्ता ने कहा है कि वो ग़ज़ा पट्टी में मानवीय सहायता पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।

इसराइली डिफेन्स फोर्सेस के एक प्रवक्ता लेफ्टिनेन्ट कर्नल रिचर्ड हेच ने बीबीसी से कहा कि "हम और बॉर्डर क्रासिंग को भी खोल रहे हैं, ताकि अधिक संख्या में राहत सामग्री लेकर ट्रक ग़ज़ा पट्टी तक पहुंच सकें।''

उन्होंने कहा कि सीमा पार करने वाले सभी ट्रकों की पूरी जांच की जा रही है।

इसराइल से जुड़ी केरेम शैलोम क्रासिंग पर सामानों की जांच का सिस्टम लगा दिया गया है।

ख़ान यूनिस को इसराइली टैंकों ने दो तरफ़ से घेर रखा है। इसराइली सेना का कहना है कि यहां घरों और सुरंगों में लड़ाई हो रही है।

इसराइली सेना ने ग़ज़ा में अगवा किए गए एक बंधक की मौत की पुष्टि की है। बंधक को छुड़ाने की इसराइली सेना ने असफल कोशिश की थी। मारे गए बंधक का नाम सहर बारूच है और सहर बारूच के परिजनों ने उनके शव को वापस लाने की मांग की है।

इसराइली सेना ने कहा है कि उत्तरी ग़ज़ा में हमास के लड़ाकों के साथ भीषण लड़ाई जारी है। साथ ही इसराइली सेना ने पड़ोसी लेबनान पर हिज़्बुल्ला के कई टार्गेट को निशाना बनाया है।

ग़ज़ा पट्टी में तत्काल युद्ध विराम को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वोटिंग के दौरान अमेरिका के वीटो पर कई देशों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। ब्रिटेन वोटिंग से अनुपस्थित रहा।

इसराइल का आरोप

इसराइल ने एक बार फिर हमास पर आरोप लगाया है कि वो ''आम इमारतों'' में छिपकर उसकी सेना पर हमले कर रहा है। उसका कहना है कि हमास के लड़ाकों ने उत्तरी ग़ज़ा में संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए के स्कूल और बेत हनॉन में एक मस्जिद का इस्तेमाल उस पर हमला करने के लिए किया है।

 

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