ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने देश में हाल में हुए प्रदर्शनों के लिए विदेशी दुश्मनों को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि ये विदेशी दुश्मन ईरान की इस्लामिक रिपब्लिक की सरकार को उखाड़ फेंकना चाहते हैं।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक उन्होंने कहा कि ईरान के दुश्मनों ने इसके खिलाफ मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़ रखा है। उन्होंने अमेरिका पर समुद्र में डकैती डालने का आरोप लगाया है। दरअसल पिछले दिनों ग्रीस के दो जहाजों पर लदे ईरानी तेल को अमेरिका ने जब्त कर लिया था।
खामेनेई ने कहा, ''आज ईरान के दुश्मन इसे देश में हो रहे प्रदर्शनों के जरिये चोट पहुंचाने का ख्वाब देख रहे हैं। उनके लिए यही सबसे बड़ी उम्मीद बन गई है।''
दक्षिण पश्चिम ईरान में पिछले दिनों एक बिल्डिंग के ध्वस्त हो जाने से 37 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद वहां लोग सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करने लगे थे।
उन्होंने कहा, ''लेकिन दुश्मनों का आकलन पहले की तरह ही गलत है।''
1979 में ईरान की इस्लामी क्रांति की 33वीं वर्षगांठ के मौके पर टीवी पर एक संबोधन के जरिये खामेनेई ने कहा कि ईरान के दुश्मनों का मकसद पूरा नहीं होगा।
ईरान में पिछले दिनों तेज़ी से बढ़ते महंगाई के विरोध में प्रदर्शन देखने को मिले। इसमें प्रदर्शनकारी ईरान के राष्ट्रपति के खिलाफ 'रईसी मुर्दाबाद, तानाशाह मुर्दाबाद, देश छोड़ो' जैसे नारे लगाते दिखे।
आयातित गेहूं पर सब्सिडी कम किए जाने के बाद मई 2022 की शुरुआत में ईरान के कई हिस्सों में प्रदर्शन शुरू हुए थे। इसके कारण आटे से बनने वाली खाद्य वस्तुओं जैसे कि पास्ता और ब्रेड के दामों में बढ़ोतरी हुई है।
कट्टरपंथी धड़े से संबंध रखने वाले राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की सरकार ने 3 मई 2022 को सब्सिडी घटाने का फ़ैसला लिया था। ईरान का कहना है कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद खाद्य सुरक्षा संकट पैदा हुआ है।
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