भारत में केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए शुक्रवार को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का पहला अनुमान जारी किया। सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस (सीएसओ) के अनुसार, इस वित्त वर्ष में विकास दर में कमी देखने को मिलेगी। विकास दर 6.5 फीसदी के आसपास होगी। जबकि, बीते साल यह 7.1 फीसदी थी। वहीं, 2015-16 में विकास दर आठ फीसदी के करीब थी। 2014-15 में यह 7.5 प्रतिशत थी।
बता दें कि तीन तिमाही के आंकड़ों के साथ जीडीपी का दूसरा अनुमान 28 फरवरी को जारी किया जाएगा। पूरे साल के आंकड़े 2018 में जारी किए जाएंगे। कृषि और विनिर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन की वजह से जीडीपी की वृद्धि दर चालू 2017-18 में 6.5 प्रतिशत के चार साल के निचले स्तर पर रहेगी। नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में यह सबसे कम वृद्धि दर होगी। नरेंद्र मोदी की सरकार ने मई 2014 में अपना कार्यभार संभाला था। जानकार इसे आर्थिक मोर्चे पर भारत के लिए झटके के तौर पर देख रहे हैं।
सीएसओ ने जीडीपी को लेकर कहा, ''चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत पर आने का अनुमान है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 7.1 प्रतिशत रही थी।'' वास्तविक सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) के आधार पर 2017-18 में वृद्धि 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो इससे पिछले साल 6.6 प्रतिशत थी।
आर्थिक गतिविधियां नोटबंदी और उसके बाद माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन से प्रभावित चालू वित्त वर्ष में आर्थिक गतिविधियों में गिरावट दिख रही है। सीएसओ के आंकड़ों के अनुसार, कृषि, वन और मत्स्यपालन क्षेत्र की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में घटकर 2.1 प्रतिशत पर आने का अनुमान है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 4.9 प्रतिशत थी। इसके अलावा विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर भी घटकर 4.6 प्रतिशत पर आने का अनुमान है, जो 2016-17 में 7.9 प्रतिशत रही थी।
(आईबीटीएन के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)
शेयरिंग के बारे में
भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने के केंद्र सरकार के क़दम को वैध ठहरा...
भारत में बिहार की नीतीश सरकार ने आज जातिगत सर्वे के आंकड़े जारी कर दिए हैं। सर्वे के दौरान ...
भारत में बिहार सरकार ने जातीय जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं। जनगणना के मुताबिक़ पि...
नई दिल्ली में चल रहा जी20 शिखर सम्मेलन रविवार, 10 सितम्बर 2023 को पूरा हुआ। भारत की मेज़बान...
जलवायु परिवर्तन के लिए होने वाले संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक सम्मेलनों के उलट जी-20 की बैठको...