मध्यमार्गी एमानुएल मैक्रोन फ्रांस के नए राष्ट्रपति होंगे। रविवार (सात मई) को फ्रांस में हुए राष्ट्रपति चुनाव में मैक्रोन ने धुर दक्षिणपंथी मरीन ली पेन को हराया।
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति 39 वर्षीय पूर्व इन्वेस्टमेंट बैंकर मैक्रोन आज तक कभी किसी निर्वाचित पद पर नहीं रहे हैं। इस चुनाव को जीतकर फ्रांस के इतिहास में सबसे कम उम्र में चुनाव जीतने वाले राष्ट्रपति बन गये हैं।
राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद मैक्रोन ने कहा कि वो 'देश के अंदरूनी विभाजन' के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे।
मैक्रोन ने कहा, ''मैंने आप लोगों के क्रोध, तनाव और संदेहों को सुना है।''
पेरिस स्थित अपने पार्टी के मुख्यालय से मैक्रोन ने कहा, वो 'यूरोप और इसके नागरिकों के साथ लिंक को दोबारा जोड़ेंगे।'
मैक्रोन ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में फ्रांस अगली कतार में रहेगा।
चुनाव जीतने के बाद एक अन्य रैली में मैक्रोन ने कहा कि वो अगले पांच साल में वो सब करेंगे जिससे जनता को अतिवादियों को वोट न देना पड़े।
मैक्रोन ने जून में फ्रांस के निचले सदन के लिए होने वाले चुनाव में बहुमत प्राप्त करने की कोशिशें शुरू कर देने का भी संकेत किया।
फ्रांस के चुनाव में सबसे ज्यादा दिलचस्प बात ये रही कि देश की दो सबसे बड़ी पार्टियों के राष्ट्रपति उम्मीदवार पहले ही दौड़ से बाहर हो गये थे। मरीन ली पेन की लोकप्रियता पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी थी जिससे इस बात की आशंका बढ़ गयी थी कि कई अन्य देशों की तरह फ्रांस में भी धुर दक्षिणपंथी पार्टी सत्ता में आ सकती है।
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 65. 30 प्रतिशत मतदान हुआ है जो 2012 के राष्ट्रपति चुनाव से 6. 6 फीसदी कम है और 23 अप्रैल को हुए प्रथम चरण के चुनाव से चार फीसदी कम है। इस चुनाव में यूरोप समर्थक एवं कारोबार समर्थक मैक्रोन तथा आव्रजन विरोधी एवं यूरोपीय संघ विरोधी मरीन ली पेन के बीच मुकाबला था।
दोनों ही बिल्कुल अलग नजरिए वाले हैं और पश्चिमी लोकतांत्रिक देशों के बीच के विभाजन को रेखांकित करते हैं। मैक्रोन 23 अप्रैल के प्रथम दौर के चुनाव में शीर्ष पर रहे थे। मरीन ली पेन ने इस चुनाव को मुक्त व्यापार, आव्रजन अैर साझा संप्रभुता के पक्षधर 'भूमंडलीकरण समर्थकों' और मजबूत सीमाओं और राष्ट्रीय पहचान की वकालत करने वाले राष्ट्रवादियों के बीच का मुकाबला बताया था।
दोनों उम्मीदवार नतीजे देखने के लिए पेरिस पहुंच हुए थे। मतदान की प्रक्रिया 66,546 मतदान केंद्रों पर भारतीय समयानुसार सुबह साढ़े ग्यारह बजे शुरू हुई । इनमें से अधिकतर मतदान केंद्र रात साढ़े दस बजे बंद कर दिए गए, जबकि बड़े शहरों के केंद्र एक घंटा अधिक समय तक खुले हुए थे।
गौरतलब है कि 23 अप्रैल को हुए पहले दौर के चुनाव में मैक्रोन को 24.01 प्रतिशत मत मिले थे, जबकि मरीन ली पेन को 21. 30 प्रतिशत मत मिले थे।
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