आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एआईएडीएमके के महासचिव वी के शशिकला को चार साल की सजा सुनाई है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला के दो रिश्तेदारों को भी चार साल की सजा सुनाई है। इस मामले में तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता भी आरोपी थीं।
हालांकि उनका निधन होने के चलते उनके खिलाफ चल रही सभी कार्यवाही पर रोक लगा दी गई है। वैसे जयललिता और शशिकला समेत चारों लोगों के खिलाफ यह याचिका 1996 में भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने दाखिल की थी।
1996 में तत्कालीन जनता पार्टी के नेता और अब भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने मुकदमा दायर कर आरोप लगाया था कि जयललिता ने 1991 से 1996 तक सीएम पद पर रहते हुए 66.44 करोड़ रुपए की बेहिसाब संपत्ति इकट्ठा की थी।
जब मामला बेंगलुरू की स्पेशल कोर्ट में पहुंचा तो अभियोजन पक्ष ने जयललिता की संपत्ति का ब्योरा दिया।
उन्होंने कहा, जयललिता, शशिकला और बाकी दो आरोपियों ने 32 कंपनियां बनाईं जिनका कोई कारोबार नहीं था। ये कंपनियां सिर्फ काली कमाई से संपत्तियां खरीदती थीं।
इन कंपनियों के जरिए नीलगिरी में 1000 एकड़ और तिरुनेलवेली में 1000 एकड़ की जमीन खरीदी गई। जयललिता के पास 30 किलोग्राम सोना, 12 हजार साड़ी थीं। उन्होंने दत्तक बेटे वी.एन. सुधाकरण की शादी पर 6.45 करोड़ रुपए खर्च किए। अपने आवास पर एडिशनल कंस्ट्रक्शन पर 28 करोड़ रुपए लगाए।
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