चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा चलाए जाने वाले अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगला है। अखबार में शुक्रवार (21 जुलाई) को छपे संपादकीय में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के डोकलाम गतिरोध पर भारतीय संसद में दिए गए बयान को झूठा बताया गया है।
ग्लोबल टाइम्स ने डोकलाम इलाके से दोनों देशों द्वारा एक साथ सेनाएं हटाने को भारत का दिवास्वप्न बताया है। संपादकीय में भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की भी धमकी दी गई है। इस संपादकीय में लिखा गया है, ''अगर भारत अपने सैनिक नहीं हटाता है तो चीन के पास आखिरी विकल्प है उससे लड़ाई और बगैर किसी कूटनीति के संघर्ष का खात्मा।'' चीन में एक ही राजनीतिक पार्टी (कम्युनिस्ट पार्टी) है जो 1949 से ही सत्ता में है। चीन में मीडिया पर सरकार का पूरी तरह नियंत्रण है।
भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद के मानसून सत्र में कहा था कि चीन डोकलाम के त्रिमुहाने वाले इलाके में यथास्थिति बदलना चाहता है और इससे भारत की सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ सकता है। डोकलाम इलाके में चीन भारी सैन्य वाहन और टैंक की आवाजाही लायक सड़क बनाना चाहता है। डोकलाम इलाके को चीन अपना डोंगलॉन्ग इलाका बताता है।
चीनी अखबार ने कहा, ''भारतीय विदेश मंत्री ने झूठ बोला, सबसे पहली बात ये है कि भारत ने उस इलाके में घुसपैठ किया है, भारत के रवैये से पूरी दुनिया हैरान है और उसे किसी देश का समर्थन नहीं मिल रहा है।'' चीनी अखबार ने लिखा है कि '' .... दूसरी बात ये है कि सैन्य क्षमता के मामले में भारत चीन से बहुत पीछे है और इस मामले ने सैन्य समाधान का रुख किया तो इसमें कोई संदेह नहीं कि हार भारत की होगी।
चीनी अखबार ने लिखा है कि दोनों देशों द्वारा एक साथ सेना हटाने की बात भारत के रुख में बदलाव है। चीनी अखबार ने लिखा है, ''भारत ने डोंगलॉन्ग (डोकलाम) को त्रिमुहाना बताना शुरू कर दिया है और चीन का रुख भांपने के लिए दोनों तरफ से सैनिक हटाने का प्रस्ताव दे रहा है। लगता है कि भारत को अपनी हैसियत का अहसास होने लगा है।''
ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय में एक बार फिर भारत और चीन के बीच अन्य जगहों पर भी 'संघर्ष' बढ़ने के प्रति आगाह किया है। अखबार ने कहा है कि ''सीमा पर सैन्य साजोसामान और गोलाबारूद पहुंचाने के मामले में चीन की क्षमता भारत से बहुत ज्यादा है और चीनी सैनिक कभी भी कहीं भी पहुंच सकते हैं और चीन-भारत सीमा चीन के लिए अपने प्रशिक्षण और सुधार को दर्शाने वाला प्रदर्शनस्थल बन जाएगी।''
अखबार ने लिखा है कि भारत को डोकलाम का ख्वाब देखना छोड़ देना चाहिए। अखबार ने लिखा है कि चीन कभी भी दोनों तरफ से सेना हटाने पर सहमत नहीं होगा।
चीनी अखबार ने लिखा है कि अगर चीन और भारत के बीच युद्ध होगा तो अमेरिका और जापान उसकी मदद नहीं करेंगे। चीनी अखबार ने लिखा है कि चीनी जनता भी भारत के खिलाफ युद्ध की कीमत पर भी एक-एक इंच भूमि की रक्षा की समर्थक है।
चीनी अखबार ने लिखा है कि भले ही भारतीय सैनिकों की संख्या ज्यादा हो, लेकिन चीनी सेना के तेज परिवहन क्षमता से किसी भी मोर्च की स्थिति बहुत कम समय में बदल सकती है।
चीनी अखबार ने लिखा है कि भारत ने 1962 में भी चीन को आंकने में गलती की थी जिसकी उसे कीमत चुकानी पड़ी थी।
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