चीन ने पाकिस्‍तान को ताकतवर मिसाइल्‍स ट्रैकिंग सिस्‍टम बेचा

 23 Mar 2018 ( आई बी टी एन न्यूज़ ब्यूरो )
POSTER

चीन ने पाकिस्तान को अत्यधिक संवेदनशील ट्रैकिंग प्रणाली बेची है, जिससे इस्लामाबाद की मिसाइल क्षमता में बढ़ोत्तरी हो सकती है। दक्षिण चीन मॉर्निग पोस्ट के अनुसार, एक चीनी थिंक टैंक ने कहा कि चीन पाकिस्तान को इस तरह की प्रौद्योगिकी देने वाला पहला देश है। चीन पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति करने वाला सबसे बड़ा देश है।

शिचुआन प्रांत के चेंगदू में इंट्स्टीट्यूट ऑफ ऑपटिक्स एंड इलेक्ट्रॉनिक्स, चाइना एकेडमी ऑफ साइंसेज (आई ओ ई, सी ए एस) के शोधकर्ता झेंग मेंगवी ने कहा, ''पाकिस्तान की सेना ने हाल ही में अपने नए मिसाइलों के परीक्षण और विकास के लिए एक चीन निर्मित प्रणाली को 'फायरिंग रेंज' पर तैनात किया है।''

इंट्स्टीट्यूट ऑफ ऑपटिक्स एंड इलेक्ट्रॉनिक्स, चाइना एकेडमी ऑफ साइंसेज की ओर से जारी बयान के अनुसार, चीनी टीम को पाकिस्तान में इस ट्रैकिंग प्रणाली को असेंबलिंग और जांच करने और इसे प्रयोग करने के लिए तकनीकी कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के दौरान काफी इज्जत दी गई। बयान के अनुसार, प्रणाली का प्रदर्शन प्रयोगकर्ताओं के उम्मीद से काफी बेहतर था। इसके लिए इस्लामाबाद की ओर से दी गई धनराशि के बारे में अभी बताया नहीं गया है।

द पोस्ट के अनुसार, ''ऑप्टिकल प्रणाली मिसाइल के परीक्षण के लिए बेहद जरूरी होता है। यह लेजर रेंजर के साथ उच्च दक्षता वाले टेलीस्कोप, उच्च गति वाले कैमरे, इंफ्रारेड डिटेक्टर और केंद्रीकृत कंप्यूटर प्रणाली से लैस होता है जो चलते हुए लक्ष्य का फोटो लेने और पीछा करने के लिए होती है।'' यह डिवाइस मिसाइल के इसके लॉन्चर से अलग होने, स्टेज सेपरेशन, टेल फ्लैम और वातावरण में मिसाइल के दोबारा प्रवेश करने की तस्वीर उच्च रिजोल्यूशन के साथ कैद करता है।

झेंग ने कहा, ''चीन निर्मित प्रणाली की विशेषता इसकी चार टेलीस्कोप इकाइयों के प्रयोग की क्षमता है जिसकी क्षमता सामान्य रूप से काफी ज्यादा है।'' उन्होंने कहा, ''हमने सामान्य तौर पर उन्हें आंख का एक जोड़ा दिया है। वे इससे जो भी देखना चाहें, देख सकते हैं, यहां तक की चांद भी।''

भारत और अमेरिकी लंबे समय से कहते आ रहे हैं कि चीन पाकिस्तान को मिसाइल बनाने और परमाणु विकास कार्यक्रम में समर्थन दे रहा है, लेकिन इस तरह के सहयोग के विश्वसनीय प्रमाण सार्वजनिक तौर पर नहीं देखे जाते हैं और इंट्स्टीट्यूट ऑफ ऑपटिक्स एंड इलेक्ट्रॉनिक्स, चाइना एकेडमी ऑफ साइंसेज के बयान को दुर्लभ बनाते हैं।

 

(आईबीटीएन के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)

इस खबर को शेयर करें

शेयरिंग के बारे में

विज्ञापन

https://www.ibtnkhabar.com/

 

https://www.ibtnkhabar.com/

अल जज़ीरा टीवी लाइव | अल जज़ीरा इंग्लिश टीवी देखें: लाइव समाचार और समसामयिक मामले


https://www.ibtnkhabar.com/

https://www.ibtnkhabar.com/

https://www.ibtnkhabar.com/

https://www.ibtnkhabar.com/

https://www.ibtnkhabar.com/

Copyright © 2025 IBTN Al News All rights reserved. Powered by IBTN Media Network & IBTN Technology. The IBTN is not responsible for the content of external sites. Read about our approach to external linking