भारत के कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के ख़िलाफ पाकिस्तान लगातार आवाज़ उठा रहा है और भारत के इस कदम की निंदा कर रहा है।
पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय का भी समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहा है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी चीन पहुंचे, जहां उन्होंने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की।
उधर लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने से चीन नाराज़ है और अपनी नाराज़गी को वो भारत के सामने दर्ज भी करा चुका है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने चीन के विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद कहा है कि चीन ने माना है कि भारत के आक्रामक रुख ने पूरे क्षेत्र के लोगों को ख़तरे में डाल दिया है।
कुरैशी ने इस मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए लगातार तीन ट्वीट किए।
शाह महमूद कुरैशी ने पहले ट्वीट में लिखा, "आज मैंने चीन के विदेश मंत्री वांग यी और अन्य अधिकारियों के साथ अहम और निर्णायक बैठक की। पाकिस्तान और चीन के बीच भाईचारे का रिश्ता है। चीन ने आज पाकिस्तान को सहयोग और प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया।''
वहीं दूसरे ट्वीट में कुरैशी ने कहा कि चीन के विदेश मंत्री ने माना कि भारत के आक्रामक रुख ने कश्मीर के लोग को परेशान और बेआवाज़ कर दिया है। "साथ ही पूरे क्षेत्र के लोगों को ख़तरे में डाल दिया है।''
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि "पाकिस्तान शांति और स्थिरता लाना चाहता है, जिसका चीन ने समर्थन किया है और हम मिलकर कश्मीर के लोगों की आवाज़ को दुनिया के सामने उठाएंगे।''
इससे पहले, चीन ने एक बयान जारी कर कश्मीर के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की अपील की थी।
चीन ने ये भी कहा था कि दोनों ही देशों को ऐसे कार्यों से बचना चाहिए जो एकतरफा रूप से यथास्थिति को बदल देंगे।
चीन के बयान की प्रतिक्रिया में भारत ने कहा था कि भारत दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में दख़ल नहीं देता है और दूसरे देशों से भी ऐसी ही उम्मीद करता है।
उधर भारत ने पाकिस्तान पर दुनिया को गुमराह करने का आरोप लगाया है और पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप ना करने के लिए कहा है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान को कश्मीर की विशेष स्थिति के बारे में भारत के निर्णय के तथ्य को पहचानना चाहिए।
पाकिस्तान ने कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के निर्णय के बाद भारत के साथ अपने राजनयिक संबंधों में कटौती की घोषणा की है और भारतीय राजदूत को वापस भेजने के साथ-साथ दोनों देशों के बीच व्यापार को निलंबित करने का फैसला किया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान भारत के इस आंतरिक मुद्दे को दुनिया के सामने द्विपक्षीय संबंधों की चिंताजनक तस्वीर पेश करने के लिए एकतरफा कदम उठा रहा है लेकिन वो हर जगह विफल रहा है।
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