बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में 134 रिटायर्ड नौकरशाहों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित को सात पन्नों का खुला पत्र लिखा है।
इस पत्र में मुख्य न्यायाधीश से 14 व्यक्तियों की हत्या और बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में 11 दोषियों को समय से पहले रिहा करने के आदेश को रद्द करने की अपील की थी। ये मामला गुजरात में 2002 में हुए दंगों के समय का है।
गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो मामले में दोषियों को समय से पहले 15 अगस्त, 2022 को रिहाई दे दी थी।
कॉन्सिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप ने चीफ जस्टिस को लिखा कि गुजरात सरकार ने समय से पहले रिहाई का आदेश जारी करने में कई गलतियां की हैं।
पत्र में कहा गया है कि गुजरात सरकार के इस फैसले का प्रभाव न सिर्फ बिलकिस बानो और उसके परिवार बल्कि भारत में सभी महिलाओं की सुरक्षा पर भी पड़ेगा।
कॉन्सिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप ने चीफ जस्टिस से सभी 11 दोषियों को फिर से जेल में भेजने की अपील की है।
रिटायर्ड नौकरशाहों ने कहा कि इस मामले में जांच सीबीआई ने की थी, इसलिए सजा में छूट देने से पहले केंद्र सरकार की मंजूरी नहीं ली गई है।
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