ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्लाह ख़ामनेई ने बुधवार को भारत के कश्मीर में मुसलमानों को लेकर चिंता ज़ाहिर की है। ईरान की तरफ़ से यह प्रतिक्रिया जम्मू-कश्मीर की स्वायत्तता ख़त्म करने के दो हफ़्ते बाद आई है।
अतीत में भी ख़ामनेई कश्मीर को लेकर ईरान की सरकार की तुलना में ज़्यादा मुखर रहे हैं। लेकिन शायद यह पहली बार है जब ख़ामनेई ने केवल कश्मीर पर ट्वीट कर चिंता जताई है।
ख़ामनेई ने ट्वीट कर कहा है, ''कश्मीर में मुसलमानों की हालत को लेकर हम चिंतित हैं। भारत से हमारे अच्छे रिश्ते हैं लेकिन हम भारत सरकार से उम्मीद करते हैं वो कश्मीरियों के हक़ में नीतियां बनाए और इस इलाक़े में मुसलमानों पर जुल्म को रोका जाए।''
ख़ामनेई ने कश्मीर समस्या के लिए ब्रिटेन को भी ज़िम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि 1947 में ब्रिटिश उपनिवेश से भारत मुक्त हुआ तो जानबूझकर एक ज़ख़्म छोड़ दिया।
पाँच अगस्त को जब भारत ने जम्मू-कश्मीर को मिली संवैधानिक स्वायत्तता संसद में ख़त्म करने की घोषणा की तो प्रतिक्रिया में पाकिस्तान ने भारत से सारे संबंध तोड़ लिए थे।
ईरानी नेता के इस बयान को अंग्रेज़ी न्यूज़ सर्विस प्रेस टीवी ने प्रमुखता से जगह दी है। ईरान ने कहा है कि संवाद के ज़रिए ही कश्मीर समस्या का समाधान हो सकता है।
इससे पहले ईरान सरकार ने कश्मीर पर दो बयान जारी किए थे और कहा था कि भारत और पाकिस्तान कश्मीर का राजनयिक हल तलाशें। ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान उसके दोस्त और साझेदार हैं और दोनों देश शांतिपूर्वक कोई राजनयिक हल की कोशिश करें।
इससे पहले 11 अगस्त को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी से फ़ोन पर बात की थी। 2017 में भी ख़ामनेई ने ईद-उल-फ़ित्र पर मुस्लिम वर्ल्ड से कश्मीरियों के समर्थन की अपील की थी। ख़ामनेई 1980 के दशक में कश्मीर भी जा चुके हैं।
पाकिस्तान कश्मीर का मुद्दा दुनिया के अलग-अलग मंचों और अलग-अलग देशों के साथ उठा रहा है। पाकिस्तान की कोशिश रही है कि मुस्लिम देश कश्मीर मुद्दे पर उसका खुलकर साथ दें।
पाकिस्तान इस मामले को मुस्लिम देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ़ इस्लामिक को-ऑपरेशन यानी ओआईसी में भी ले गया, जिसके दुनिया भर के 57 मुस्लिम बहुल देश सदस्य हैं। ओआईसी ने जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन की निंदा की और कहा कि इसे सुलझाने के लिए बातचीत शुरू की जाए।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी भारत की शिकायत लेकर चीन गए। चीन ने भी कहा कि कश्मीर समस्या का समाधान दोनों देश मिलकर सुलझाएं और भारत को चाहिए कि यथास्थिति बनाए रखे। चीन लद्दाख पर अपना दावा पेश करता रहा है इसलिए लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने से उसे आपत्ति है।
उधर अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कश्मीर की स्थिति को 'विस्फोटक' और जटिल बताते हुए एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने की पेशकश की है।
डोनल्ड ट्रंप ने कहा है कि इस हफ़्ते के आख़िर में वह फ्रांस में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे।
ट्रंप का कहना है कि कश्मीर एक जटिल समस्या है। ट्रंप ने कहा कि वो भारत और पाकिस्तान के नेताओं के साथ संपर्क में हैं।
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