आदित्यनाथ अयोध्या में रामायण म्यूजियम बनाने के लिए देंगे 25 एकड़ जमीन

 21 Mar 2017 ( आई बी टी एन न्यूज़ ब्यूरो )
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उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से रामायण म्यूजियम के लिए जमीन देने का एेलान किया गया है। इसके लिए 25 एकड़ भूमि आवंटित की जाएगी। अयोध्या में बनने वाले इस म्यूजियम के निर्माण का काम हफ्ते भर में शुरू हो जाएगा।

फिलहाल इस पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है। इस संग्रहालय के लिए केंद्र सरकार ने 150 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, लेकिन इस पर अब तक काम शुरू नहीं हो पाया है। लेकिन भाजपा सरकार आते ही इस काम में तेजी आई है।

इस प्रोजेक्ट की शुरुआत साल 2007 में की गई थी। उस वक्त यूपी में मायावती की सरकार थी। साल 2009 में लोकसभा चुनाव की वजह से इसमें तेजी आई और 27 एकड़ जमीन चिन्हित की गई। बाद में यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई। जून 2015 में केंद्र सरकार ने अक्षरधाम मंदिर की तर्ज पर अयोध्या में रामायण संग्रहालय बनाने की घोषणा की, लेकिन इसे लेकर कोई ठोस काम नहीं हो पाया।

आज (21 मार्च) को ही राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजीआई) ने कहा है कि दोनों पक्ष इस मामले को कोर्ट के बाहर सुलझा लें तो ठीक रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह धर्म और आस्था से जुड़ा मामला है इसलिए इसको कोर्ट के बाहर सुलझा लेना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर दोनों पक्षों के बीच बातचीत सफल नहीं होती है तो फिर सुप्रीम कोर्ट दखल देगा। इसके लिए एक सुलह करवाने वाला व्यक्ति नियुक्त करने की भी बात कही जा रही है।

इस पर राम मंदिर की तरफ से लड़ रहे सुब्रमण्यम स्वामी ने बताया कि कोर्ट ने कहा कि मस्जिद कहीं भी बन सकती है। इस मामले पर अब 31 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। लेकिन इस मामले पर बाबरी मस्जिद कमेटी ने सीजीआई खेहर की बात मानने से इंकार कर दिया है।

कमेटी के ज्वॉइंट कंवीनर डॉ एसक्यूआर इलयास ने कहा, ''हमें चीफ जस्टिस की बात मंजूर नहीं है। इलाहबाद हाई कोर्ट पहले ही अपना निर्णय दे चुका है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को लगता है कि बातचीत का वक्त अब खत्म हो चुका है।''

उन्होंने बाबरी मस्जिद कमेटी और विश्व हिंदू परिषद के बीच हुई पिछली बातचीत का भी जिक्र किया जो कि किसी फैसले पर नहीं पहुंची थी।

योगी आदित्यनाथ ने रविवार (19 मार्च) को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। उन्होंने इसके बाद ही अपने इरादे साफ कर दिए थे। उनके आदेश के बाद इलाहाबाद, गाजियाबाद सहित कई और जगह बूचड़खाने सील किए जा चुके हैं। योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से बीजेपी सांसद होने के अलावा गोरखनाथ मठ के महंत भी हैं। बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और कट्टर हिंदूवादी छवि रखने वाले योगी आदित्यनाथ का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी चीफ अमित शाह ने तय किया था।

 

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