भारत के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केन्द्र सरकार से कहा है कि एक साल के भीतर हर फोन ग्राहक को आधार नंबर से जोड़ा जाए। कोर्ट ने प्री पेड सिम ग्राहकों को भी आधार नंबर से जोड़ने के लिए एक साल का समय दिया है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र से वर्तमान मोबाइल उपभोक्ताओं की पहचान के सत्यापन के लिए सालभर के भीतर प्रभावी व्यवस्था तैयार करने को कहा।
कोर्ट ने कहा कि 100 करोड़ से ज्यादा मोबाइल यूजर हैं और इन सभी को एक साल के भीतर आधार नंबर से जोड़ा जाए। इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को कहा है कि प्री पेड सिम धारक जब भी रिचार्ज कराने जाए तो वह उसका फॉर्म जमा कराए जाए।
कोर्ट का कहना है कि अगर केन्द्र सरकार इसको लेकर एक साल के भीतर नियम कानून बनाती है तो सिम कार्ड के मिस यूज को रोका जा सकता है।
कोर्ट का कहना है कि मोबाइल फोन की वैरिफिकेशन बैंकिंग इस्तेमाल के लिए बहुत जरूरी है। इस मामले में पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केन्द्र सरकार से पूछा था कि मोबाइल सिम कार्ड रखने वाले लोगों की वैरिफिकेशन का क्या तरीका है? इस बारे में कोर्ट ने केन्द्र सरकार को दो हफ्तों का समय दिया था।
सुप्रीम कोर्ट में एक समाजसेवी संस्था ने जनहित याचिका दाखिल की थी। इस याचिका में कहा गया था कि केन्द्र सरकार और ट्राई को निर्देश दिया जाए कि मोबाइल सिम धारकों की पहचान, पता और अन्य जानकारी उपलब्ध हों। कोई भी मोबाइल सिम बिना वैरिफिकेशन के न दी जाए।
(आईबीटीएन के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)
शेयरिंग के बारे में
ये कहना गलत है कि भारत में साल 2014 से पहले कुछ नहीं हुआ: अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज़...
कच्छतीवु द्वीप पर पीएम मोदी का बयान: कांग्रेस ने विदेश मंत्री जयशंकर के रुख़ पर उठा...
सुप्रीम कोर्ट की ईडी पर सख्त टिप्पणी- बिना सुनवाई सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर कर-कर ...
भारत की केंद्र सरकार ने फ़ैक्ट चेकिंग यूनिट के गठन की अधिसूचना जारी की
...असम में सीएए विरोधी प्रदर्शन में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री के पुतले फूंके गए, सैकड़ों...